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Maqsood Alam
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बीएड फीस वृद्धि संथाल परगना के विद्यार्थियों को शिक्षक बनने से वंचित रखने का षड्यंत्र,अभाविप की उग्र आंदोलन की तैयारी

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पाकुड़ के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति को कुमार कालिदास मेमोरियल महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से ज्ञापन देकर पाकुड़ में पीजी एवं कामर्स की पढ़ाई शुरू करने सहित कई अन्य विषयों पर समाधान की मांग किया है।
कॉलेज मंत्री दुलाल चंद्र दास के नेतृत्व में ज्ञापन सौपते हुए विभाग संयोजक अमित साहा,कॉलेज उपाध्यक्ष आकाश एवं सागर वर्मा सह नगर मंत्री राकी रविदास,सानू दास,प्रकाश हेंब्रम रायसेन मरांडी, एवं सुमित सेन सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने बताया कि पिछले 5 सालों से विद्यार्थी पाकुड़ में पीजी की पढ़ाई शुरू करवाने को लेकर के संघर्ष कर रही है। पिछले वर्ष आमरण अनशन के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा कुलपति का ध्यान भी आकृष्ट कराया गया था। नई शिक्षा नीति के पाठ्यक्रमों के अनुरूप महाविद्यालय के पुस्तकालयों में पुस्तकों की उपलब्धता,विषयवार सभी विषयों में शिक्षक लिए भी प्राचार्य से आग्रह किया गया है।विश्वविद्यालय संयोजक बमभोला उपाध्याय ने महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ शिव प्रसाद लोहरा के समक्ष छात्रों की समस्याओं को प्रमुखता से रखा। उन्होंने बताया कि बीएड के नए सत्र में विश्वविद्यालय ने बिना सिंडिकेट के बैठक के बीएड शुल्क को 88000 से बढ़ाकर 150000 करने का आदेश पारित किया है। यह बात सर्वविदित है की संथाल परगना आर्थिक रूप से सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। यह जानते हुए विश्वविद्यालय का बीएड शुल्क वृद्धि का फैसला संथाल परगना के विद्यार्थियों को बीएस से वंचित रखने का षड्यंत्र नहीं तो और क्या है? कुलपति के समक्ष इस विषय को सभी महाविद्यालयों के द्वारा प्राचार्य के माध्यम से फीस कम करने हेतु रखा जा रहा है। पाकुड़, जामताड़ा जैसे जिले में पीजी की पढ़ाई ना होना अत्यंत चिंताजनक है। पाकुड़ में तो यह समस्या केवल पाकुड़ प्रखंड के विद्यार्थियों की नहीं है। बल्कि पाकुड़ के सभी जिलों के छात्र-छात्राएं पाकुड़ में पीजी की पढ़ाई ना होने से पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं। विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति संथाल परगना के विद्यार्थियों के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं।सभी महाविद्यालयों के द्वारा कुलपति को ज्ञापन एवं पत्राचार के माध्यम से शुल्क कम करने हेतु आग्रह किया जा रहा है। अगर इसके बाद भी विश्वविद्यालय अपना फैसला वापस नहीं लेता है तो विद्यार्थियों के हितों का ध्यान रखते हुए विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन की तैयारी में है।

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