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Maqsood Alam
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बेटी के जन्म की खुशी में झूम उठा परिवार, दुल्हन सी सजी कार लेकर पहुंचे अस्पताल, नन्ही परी पर की फूलों की बारिश

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Gunjan Saha
(Desk Head)

काशिम/रमीज@समाचार चक्र


मुर्शिदाबाद। जिले के सूती थाना क्षेत्र के महेशाइल ग्रामीण अस्पताल में बेटी के जन्म की खुशी का नजारा देख हर कोई दंग रह गए है। दहेज की आग में झुलसी बेटियों को अस्पताल लाते ले जाते तो देखा होगा। इसके विपरीत अस्पताल में बेटी के जन्म की खुशी में फूलों की बारिश हो तो यह किसी को भी भावुक कर देता है। अपने हो या पराए खुशी के आंसू को रोक पाना मुश्किल हो जाता है। इसी तरह की तस्वीरें गत बुधवार को महेशाइल के ग्रामीण अस्पताल में देखने को मिला। जहां परिवार के लोगों ने बेटी के जन्म का जमकर जश्न मनाया। अस्पताल में मिठाई बांटी गई, पुष्प वर्षा भी हुई। इस खुशी में अस्पताल के कर्मी के साथ-साथ अनजान मरीजों के परिजन भी शामिल हुए। अस्पताल कर्मी और मौजूद तमाम लोगों ने परिवार के लोगों को ना सिर्फ बधाई दी, बल्कि परिवार के लोगों की जमकर तारीफें भी की। दरअसल सूती- वन ब्लॉक के सादिकपुर पंचायत के रघुनाथपुर गांव के रहने वाले मो. बसीरुद्दीन का पुत्र तरिकुल इस्लाम उर्फ शमीम की शादी डेढ़ साल पहले ही आजाद नगर बेलतल्ला की लीमा खातून से हुई थी। इधर मंगलवार की रात प्रसव पीड़ा उठने पर लीमा को महेशाइल ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन बुधवार को लीमा ने नन्ही सी बेटी को जन्म दिया। परिजनों को बेटी के जन्म की खबर मिलते ही खुशी से झूम उठे। परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिवार के लोग खुशी से उछलते हुए सीधे अस्पताल पहुंचे। पिता शमीम से भी कहीं ज्यादा खुशी नन्ही परी के दादाजी यानी शमीम के पिता में दिखा। परिवार की महिलाएं बेहद खुश नजर आई। अस्पताल में मिठाईयां बंटने लगे। अस्पताल में जगह-जगह रंग-बिरंगे गुब्बारे सजने लगे। अगले दिन गुरुवार को बेटी को जन्म देकर खुद को गर्वित महसूस कर रही मां लीमा खातून को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। पिता तरिकुल इस्लाम उर्फ शमीम दुल्हन की तरह फूलों से सजी कार लेकर आए। अस्पताल में मौजूद लोगों को पहले तो लगा कि शायद यह तैयारी किसी दुल्हन के लिए हो, लेकिन जैसे ही परिवार के लोग नन्ही सी परी को लेकर कार की तरफ बढ़ने लगे, तो हर कोई खुशी से भावुक हो उठे। एक गजब का उत्साह दिखा।

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यह एक ऐसी तस्वीर थी जिसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। परिवार की महिलाएं एक-एक कर नन्ही परी को गोद में उठाकर सुखद अहसास का आंनद उठाने को आतुर थी। इस दौरान नन्ही परी पर फूलों की बारिश होने लगी। फूलों का माला पहनाकर कार में चढ़े और फिर लोगों के अभिवादन के बीच खुशियों से भरे माहौल में कार अस्पताल से निकल पड़ी। पहली बार नन्ही परी के घर में प्रवेश करते ही स्वागत के लिए आतुर पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। अस्पताल से अपने घर दस्तक देते ही गुलाब की पंखुड़ियों की बौछार होने लगी। ऐसी तस्वीरें बहुत ही कम देखने को मिले, लेकिन इस परिवार ने वैसे लोगों को आईना दिखाया, जो बेटी के जन्म से पहले कोख में ही मारने की सोचता हो। बेटी के जन्म से बेहद खुश पिता तरिकुल इस्लाम उर्फ शमीम ने कहा कि हम चार भाई है। परिवार में पहली बेटी का जन्म हुआ है। यह पूरे परिवार के लिए वर्षों इंतजार के बाद आने वाले किसी उत्सव जैसा है। मैं तमाम लोगों से अपील करना चाहता हूं कि बेटा-बेटी में भेद-भाव को समाज से खत्म करने का संकल्प लें। ताकि एक विकसित समाज और विकसित राष्ट्र के निर्माण में बेटियों को शामिल कर पाएं।

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