समाचार चक्र संवाददाता
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पाकुड़। दिल्ली पब्लिक स्कूल की ओर से सोमवार को शहर के रविंद्र भवन में ग्रैंड पेरेंट्स दिवस का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन हर्षोल्लास और गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ। इस विशेष अवसर का उद्देश्य विद्यार्थियों में परिवार के वरिष्ठ सदस्यों के प्रति सम्मान, प्रेम तथा कृतज्ञता की भावना विकसित करना था। कार्यक्रम में सभी कक्षाओं के बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने दादा-दादी तथा नाना-नानी को विद्यालय आमंत्रित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ संचालकों के द्वारा विषय, उद्देश्य एवं महत्व की परिचर्चा से हुआ। तत्पश्चात बुके एवं बैज ऑफ ऑनर प्रदान कर अतिथियों का अभिनंदन किया गया। दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से वातावरण भक्तिमय हो उठा। विद्यालय बैंड की शानदार प्रस्तुति और स्वागत गीत ने सभी का मन मोह लिया। प्राचार्य जेके शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि इस दिवस का उद्देश्य पारिवारिक मूल्यों को संजोना एवं नई पीढ़ी को दादा-दादी तथा नाना-नानी के प्रति सम्मान भाव सिखाना है।
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दादा-दादी और नाना-नानी हमारे जीवन के अनुभव का भंडार हैं। वे न केवल हमें परंपराओं और मूल्यों से जोड़ते हैं, बल्कि अपने जीवन के अनुभवों के माध्यम से हमें कठिन परिस्थितियों में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देते हैं। उनका स्नेह, त्याग और धैर्य ही बच्चों के चरित्र निर्माण की असली पाठशाला है। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की श्रृंखला की शुरुआत नर्सरी व एल.के.जी के छात्रों द्वारा लुंगी डांस से हुई। जिसने मंच पर उत्साह का माहौल बना दिया। क्रमशः यूकेजी से लेकर कक्षा पांचवीं तक के छात्रों ने समूह नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मनोरंजन किया और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यालय निदेशक अरुणेन्द्र कुमार जी ने अपने उद्बोधन में दादा-दादी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों के संस्कारों की नींव उनके अनुभव और स्नेह से ही सुदृढ़ होती है। आज की आधुनिक जीवनशैली में जहां संयुक्त परिवार की परंपरा धीरे-धीरे लुप्त हो रही है, वहीं बच्चों के लिए दादा-दादी और नाना-नानी का सानिध्य अमूल्य धरोहर है। वे बच्चों को न केवल जीवन के अनमोल अनुभव बांटते हैं, बल्कि संस्कार और नैतिक मूल्यों का बीज भी रोपते हैं। कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों ने एक प्रभावी नाटक (स्किट) प्रस्तुत किया, जिसमें दादा-दादी के मार्गदर्शन के महत्व को दिखाया गया।

इस नाटक (स्किट) ने सामाजिक संदेश देकर दर्शकों की खूब सराहना बटोरी।इसके बाद अंतर-गृह नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। क्रमशः एडवेंचर हाउस, कैलिबर हाउस, चैलेंजर हाउस तथा डिस्कवरी हाउस के विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से सभी दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। नृत्य प्रस्तुतियों में विविधता और जोश देखने को मिला। कार्यक्रम में मजेदार गतिविधियां भी आयोजित की गईं। जिसमें दादा-दादी तथा नाना-नानी सक्रिय रूप से शामिल हुए और बच्चों संग खूब आनंद उठाया। कार्यक्रम का समापन सौरिष दत्ता एवं नेहा के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। अंत में राष्ट्रीय गान गाकर कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया गया।
