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Maqsood Alam
(News Head)

हादसे में अपनों को खोने के बाद सदमे में पुरा परिवार,तीन की बिगड़ी तबियत

पीड़ित परिवार को सांत्वना देने भी नहीं पहुंचा प्रशासन या कोई जनप्रतिनिधि

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Gunjan Saha
(Desk Head)

अबुल काशिम@समाचार चक्र
पाकुड़। सदर प्रखंड के नवादा गांव के रहने वाले अलीम शेख के परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। तीन-तीन सदस्यों की सड़क हादसे में मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है। अपनों को खोने का दर्द अंदर ही अंदर खाए जा रहा है। अलीम शेख सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद खुद जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में उनका इलाज चल रहा है और अभी तक उन्हें होश भी नहीं आया है। अलीम शेख का पुत्र अजफारुल शेख को भले ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और वह अभी घर में है, लेकिन अभी भी दर्द से कराह रहे हैं। अलीम शेख की बीमार पत्नी सखीना बीवी का स्वास्थ्य दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है।

इन सब के बीच अपनों को खोने के बाद सदमे में आकर इस परिवार के दो और सदस्य की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें दो दिन से स्लाइन चढ़ाया जा रहा है। अलीम शेख की बीमार पत्नी का तो इलाज चल ही रहा था, इधर उनकी बेटी नास्तारा की तबियत बिगड़ी हुई है। वहीं अलीम शेख का पुत्रवधू मैसरा बीवी, जिन्होंने हादसे में अपने पति अंतारुल शेख को खो दिया है, उनकी तबीयत भी सदमे में आकर बिगड़ गई है। दोनों का घर में ही इलाज किया जा रहा है। एक तरफ अलीम शेख कोलकाता में अस्पताल में बेसुध पड़ा है और मौत से लड़ रहे हैं। दूसरी तरफ उनकी बीमार पत्नी सखीना बीवी की तबियत बिगड़ती जा रही है। इस बीच अलीम शेख की बेटी नास्तारा और पुत्रवधू मैसरा बीवी की तबियत बिगड़ी हुई है। तीनों टूटे-फूटे आशियाना में बिस्तर पर पड़ी है। एक ही परिवार के तीन-तीन सदस्यों की सड़क हादसे में मौत और आंगन से एक साथ उठते जनाजे की तस्वीरों ने तो पराएं को भी रुला गया, ये तो अपने है, जिन्होंने पल भर में परिवार के तीन-तीन सदस्यों को खो दिया। इस तरह से अपनों को खोने का दर्द क्या होता होगा, बस उन्हीं को पता होगा। फिलहाल परिवार पर मुसीबत और दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है, इसे तो कम से कम हर कोई महसूस कर ही सकता है। इन सब के बीच बहुत ही जरूरतमंद इस परिवार को अब तक किसी का सहारा नहीं मिला है। प्रशासन से लेकर कोई भी नेता या जनप्रतिनिधि का उनके घर आगमन तो दूर की बात, किसी ने भी सुधि तक नहीं ली है। परिवार को इस समय हमदर्दी या सांत्वना के साथ-साथ आर्थिक सहयोग की भी बेहद जरूरत है। इसलिए मानवता और इंसानियत के नाते ही सही प्रशासन, नेता या जनप्रतिनिधियों को परिवार से मिलकर तसल्ली और आर्थिक सहयोग जरूर देना चाहिए। बता दें कि गृहस्वामी अलीम शेख अपनी बीमार पत्नी सखीना बीवी को इलाज के लिए एंबुलेंस से कोलकाता ले जा रहे थे। एंबुलेंस में उनकी दूसरी पत्नी नहरी बीवी, बड़ा पुत्र अजफारुल शेख व पुत्रवधू मंताहुरा बीवी, छोटा पुत्र अंतारुल शेख भी साथ में जा रहे थे। कोलकाता पहुंचने से पहले ही कल्याणी में एम्बुलेंस भीषण हादसे का शिकार हो गया। एक ट्रक से टकराने के बाद एंबुलेंस में मौजूद लोग चपेट में आगे। इस घटना में अलीम शेख खुद गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी दूसरी पत्नी नहरी बीवी, उनका छोटा बेटा अंतारुल शेख और बड़ा पुत्रवधू मंताहुरा बीवी की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। अलीम शेख का बड़ा पुत्र अजफारुल शेख भी घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने आंखों के सामने अपनी पत्नी मंताहुरा बीवी को खो दिया। यह घटना 1 मार्च रात करीब 11:30 बजे के आसपास घटी थी। अगले दिन 2 मार्च को रात करीब 11:00 बजे तीनों का शव घर पहुंचा। इसके बाद 3 मार्च को घर से तीनों का जनाजा एक साथ निकला और गांव स्थित कब्रिस्तान में मिट्टी दी गई।

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