अमड़ापाड़ा। सेंट्रल कोल ब्लॉक के एमडीओ डीबीएल (दिलीप बिल्डिकॉन लिमिटेड) के अड़ियल रवैये के खिलाफ बकाएदार व ट्रांसपोर्टर पुनः गोलबंद होने लगे हैं। बकाएदारों में डीबीएल प्रबंधन की तानाशाही और मनमानी पूर्ण व्यवहार से आक्रोष गहराने लगा है। वजह साफ है कि डीबीएल प्रबंधन बकाएदारों के पुराने बकाया राशि के भुगतान में पिछले दो वर्षों से वादाखिलाफी कर रहा है। छोटी गाड़ी, ट्रांसपोर्टिंग अथवा सिविल वर्क के ड्यूज अमाउंट भुगतान में टालमटोल से बकाएदार दुविधा की स्थिति में हैं। सभी झूठे भरोसों से आजीज हैं। पूर्व में भी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन होते रहे हैं। ऐसे में बकाया राशि भुगतान होने तक सबों ने अगले 12 फरवरी को सड़क पर उतरकर धरना – प्रदर्शन के जरिए कोल ट्रांसपोर्टिंग को अवरुद्ध कर देने का निर्णय लिया है। उक्त प्रदर्शन की अनुमति के लिए डीसी, एसपी, एसडीओ, सीओ तथा थाना प्रभारी को लिखित सूचना दी गई है। इसकी जानकारी डीबीएल प्रबंधन को भी दे दी गई है।
क्या कहते हैं बकाएदार
मंटू भगत ने बताया कि कोयला उत्खनन और परिवहन के करीब सवा वर्ष के बाद भी कंपनी बकाया राशि नहीं दे रही है। आगामी 12 फरवरी को हमलोग डंपरों को रोक कोल परिवहन ठप कर देंगे। मनोज भगत ने बताया कि कंपनी हमलोगों के साथ छलावा कर रही है। हमारे बीच फूट पैदा कर अपना उल्लू सीधा कर रही है। हमलोग अब इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगले 12 तारीख को कोल टीपरों की आवाजाही अवरुद्ध कर देंगे। झारखंड आंदोलनकारी रामजी भगत ने बताया कि डीबीएल की मनमानी का विरोध जनहित में आवश्यक है। करोड़ों का कोयला प्रति दिन पंजाब जा रहा है लेकिन बकाएदारों का बकाया भुगतान नहीं हो रहा है , बेहद खेद की बात है। मो राजा ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि डीबीएल हमारी समस्याओं के हल के प्रति गंभीर नहीं होगा तो हमलोग 12 फरवरी को सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे। डीबीएल की जन विरोधी नीति के खिलाफ आंदोलन करेंगे। अन्य बकाएदार व ट्रांसपोर्टरों ने भी डीबीएल के विरुद्ध कुछ इसी प्रकार की प्रतिक्रियाएं दी हैं।