अबुल काशिम@समाचार चक्र
पाकुड़। सदर अस्पताल में गुरुवार की शाम तोड़फोड़ की घटना के बीच भी डॉक्टरों ने अपना फर्ज निभाया। तोड़फोड़ के दौरान घायल उपद्रवियों का ईलाज कर घर भेजा। यह तस्वीर भीड़ के आड़ में बवाल मचाने वालों के लिए सबक है, जिनके टारगेट में शायद वो डॉक्टर भी थे। जिन डॉक्टरों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया जा रहा था और भीड़ अस्पताल में तोड़फोड़ कर रही थी, उन्हीं डॉक्टरों ने घायलों का ईलाज किया। यह डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के अंदर मौजूद इंसानियत की तस्वीरें हैं। अगर वो चाहते तो घटना के बहाने अस्पताल से जा भी सकते थे। लेकिन डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों ने ऐसा नहीं किया और घायलों के ईलाज को ही प्राथमिकता दी। डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों ने ऐसा कर अपना फर्ज निभाया। अस्पताल में तोड़फोड़ करने वालों के टारगेट में शायद वहां मौजूद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी भी थे। जिन्होंने भयानक मंजर को देखते हुए जान बचाने को कमरों में छिप गए। लोगों के आक्रोश को देख डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी काफी डरे हुए थे। किसी तरह अपनी जान बचाने की कोशिश में थे। पुलिस के आने के इंतजार में कमरों में ही छिपे रहे। पुलिस के आने के बाद ही डॉक्टर और कर्मियों की जान में जान आई। पुलिस के पहुंचने और भीड़ के हटने के बाद कमरों से निकले। इतना कुछ होने के बाद भी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अपना फर्ज नहीं भूले। अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम देने वालों में घायल पांच-छह लोगों का ईलाज किया। यह कहीं ना कहीं डॉक्टरों की मानवता को दर्शाता है। आप और हम जिन्हें डॉक्टर को भगवान का रुप मानते हैं, वो इस तस्वीर में साफ दिखाई देता है। अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ मनीष कुमार सिन्हा, डॉ अमित कुमार सहित मौजूद तमाम डॉक्टर और कर्मियों की यह तस्वीर उन लोगों के लिए सबक है, जो बात-बात पर डॉक्टरों पर उंगली उठाते रहते हैं।