प्रभात मंत्र संवाददाता
पाकुड़। जब जब चुनाव की तारीख नजदीक होती है, तब तब भारतीय जनता पार्टी कुछ नये नये शिगुफा लेकर पहुंच जाती है और चुनावी मुद्दा बनाती है। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने मुंहतोड़ जवाब दे चूका है। इस बार झारखंड की जनता मुंह तोड़ जवाब देने के लिए पलकें बिछाये हुए है। उपरोक्त बातें कांग्रेस के प्रदेश महासचिव उदय लखमानी ने कही। श्री लखमानी ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा आदिवासियों का हितैषी बताकर घड़ियाली आंसू बहा रहे है। लेकिन वे घड़ियाली आंसू संथाल परगना में कोई पोछने वाला नहीं है। सबसे अधिक सरकार झारखंड में बीजेपी की रही है। बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, रघुवर दास जैसे सरिखे मुख्यमंत्री की कुर्सी सुशोभित कर चुके है। जबकि केंद्र में भी भाजपा की सरकार है। यानि डबल इंजन की सरकार जब घुसपैठियों को बाहर नहीं कर पाई है और वर्तमान में घुसपैठियों और आदिवासी के हितैषी के राग अलाप रहे है। अगर झारखंड में सबसे अधिक राज किया है तो वो बीजेपी है। अपनी असफलता छुपाने के लिए यह ढोंग रचा जा रहा है। बीजेपी ने झारखंड को सिर्फ और सिर्फ लूटने के सिवा कुछ नहीं दिया है। चुनाव में आम जनता के पास इनके नेता किस मुंह से जाएंगे। इसलिए जब भी चुनाव आता है वे मंदिर, मस्जिद, चर्च, हिंदू, मुस्लिम, ईसाई का मुद्दा उठाते रहे है। अब जबकि झारखंड और संथाल परगना से सुपड़ा साफ होने वाला है, तो नया सिगुफा छेड़ा है आदिवासी, बांग्लादेशी। लेकिन यह भी मुद्दा फ्लॉप हो जाएगा। सबसे अधिक अगर आदिवासियों का किसी ने शोषण किया है, वह बीजेपी है। आदिवासियों की जमीन भी बीजेपी के इशारे पर कोरपोरेट को लाकर औने पौने पर दिया गया। गोड्डा में अडानी को किसने जमीन दी? बीजीआर, डीबीएल को किसने जमीन दिया? आज विस्थापित अपने घर से बेघर हो गए। इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ बीजेपी है। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को दो टुक कहा कि एक भी बांग्लादेशी पाकुड़ में दिखा दे। मुद्दा विहीन भाजपा सिर्फ और सिर्फ आदिवासी, मुस्लिम और हिंदू की राजनितिक करते है। भाजपा को अगर हिम्मत है तो विकास के मुद्दों पर बात करे, जनता उन्हें जीरो पर आउट कर देगी।