समाचार चक्र संवाददाता
कोटालपोखर-साहेबगंज जिला इन दिनों ईडी और सीबीआई को लेकर लगातर सुर्खियों पर हैं और हो क्यों नही,क्योंकि एक हजार करोड़ राजस्व घोटाले के आरोप जो लग रहे हैं। बावजूद अवैध काम करने वाले बाज नही आ रहे हैं।जिले के अंतिम छोर पर बसा कोटालपोखर लगातार अवैध स्टोन चिप्स ढुलाई को लेकर विवादों में रहा है।जिला टास्क फोर्स हो या प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स जब भी छापेमारी की गई है अवैध ढुलाई करते हुए ट्रक को जब्त किया गया है।शनिवार को देर रात्रि और अहले सुबह कोटालपोखर थाना प्रभारी उपेंद्र कुमार दास ने कोटालपोखर और पश्चिम बंगाल के सीमा रहीमटांड़ चेकनाका पर छापेमारी की गई।छापेमारी के दौरान ट्रकों के माइनिंग चालान की जांच की गई।जांच के दौरान अवैध माइनिंग चालान पाए गए।इसपर थाना प्रभारी ने जिले व प्रखंड के वरीय अधिकारियों को सूचना दी।सूचना मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी सह प्रभारी सीओ सन्नी कुमार दास कोटालपोखर थाना पहुंच सभी माइनिंग चालानों की गहनता से जांच की।जांच के दौरान कई वाहनों में माइनिंग चालान नही थे और कई के अवैध माइनिंग चालान पाए गए।इधर बीडीओ सह सीओ के लिखित आधार पर सभी ट्रकों के मालिक और चालक पर मुकदमा दर्ज किया गया है।इस मामले में बीडीओ सह सीओ सन्नी कुमार दास ने मोबाईल फोन पर बताया कि सभी ट्रकों के मालिक और चालक पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कोटालपोखर रहीमटांड़ चेक नाका कर्मियों पर उठ रहे सवाल—
जिला और प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स की छापेमारी में अवैध स्टोन चिप्स लदे वाहनों की जांच के दौरान कार्रवाई होती रही है।यहां तक कि थाना प्रभारी के छापेमारी के दौरान भी कार्रवाई होती रही है।परंतु अवैध माइनिंग को रोकने के लिए उपायुक्त के निर्देश पर कोटालपोखर थाना क्षेत्र में तीन-तीन चेकनाका बनाये गए हैं।सभी चेकनाकों पर कर्मी तैनात किए गए है।यहां तक कि रहीमटांड़ और चौरामोड़ चेकनाका पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं बावजूद बिना माइनिंग चालान और अवैध माइनिंग चालान के ट्रकों का पश्चिम बंगाल भेजा जाना कई सवाल खड़ा करता है।सूत्रों की माने तो तीनों चेकनाका पर दिन में कर्मी नही रहते है लेकिन शाम ढ़लते ही कर्मी ड्यूटी करना शुरू कर देते हैं।सूत्रों की माने तो ड्यूटी पर तैनात कर्मियों की मिली भगत से ट्रकों को पार कराया जाता है।कई बार छापेमारी में चेकनाका कर्मियों की पोल खुल चुकी है।कभी फर्जी नम्बर तो कभी रूट चेंज चालान पकड़े जाते हैं।कभी बिना माइनिंग चालान के ही पकड़े जाते हैं।आश्चर्य इस बात से लगाया जाता है कि जिले में सीबीआई और ईडी के धमक के बावजूद पत्थर माफिया और अवैध स्टोन चिप्स ढुलाई करने वाले सिंडिकेट को जरा भी खौफ नही है यहां तक कि चेकनाका पर तैनात कर्मियों को भी किसी तरह का खौफ नही है।
व्हाट्सएप्प के माध्यम से गाड़ी नम्बर भेजकर पासिंग होती है—
रहीमटांड़ चेकनाका और चौड़ामोड़ चेकनाका पर तैनात कर्मियों की पिछले तीन माह का कॉल डिटेल और व्हाट्सएप्प चेटिंग खंगाली जाए तो करोड़ों का अवैध माइनिंग चालान से गाड़ी पार कराने का खुलासा हो सकता है।सूत्रों की माने तो अवैध माइनिंग में कई सफेदपोश जुड़े है और कई पासिंग गिरोह है जो सड़कों का क्लियर होने का संदेश ड्राईवर तक पहुंचाता है।कोटालपोखर में घुसने के सभी रास्तो पर पासिंग गिरोह के लोग मौजूद रहते है और हर तरह से निपटने की बात भी करते है।जब सभी रास्ते क्लीयर रहते है तो चेकनाका के कर्मियों को व्हाट्सएप से गाड़ी संख्या भेज दी जाती है।