समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत तारानगर, इलामी एवं नवादा गांव में 18 जुलाई की सांप्रदायिक हिंसा की घटना के बाद तनाव खत्म हो चुका है। दोनों समुदायों में दूरियां मिटती नजर आ रही है। आपसी भाईचारा और सौहार्द की तस्वीरें भी देखने को मिल रहा है। बंद दुकानों के शटर खुलने लगे हैं। हाट बाजार में भी सबकुछ सामान्य हो गया है। दोनों समुदायों के लोग हटिया पहुंच रहे हैं। कोई व्यवसायिक के रूप में तो ग्राहक के रूप अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। किसी भी तरह की हिचक नहीं दिखाई दे रहा है। कुल मिलाकर सबकुछ सामान्य हो चुका है। हालांकि पुलिस अभी भी गांवों में कैंप कर रही है। तारानगर उल्लुपाड़ा की बात करें तो कुछ परिवारों के अभी भी घर नहीं लौटने की बातें सामने आ रही है। जो घटना के बाद से डर से बाहर रह रहे हैं। वहीं स्थानीय मनोरंजन सरकार ने बताया कि बारह पंद्रह परिवार अभी भी घर नहीं लौटे हैं। उन्हें सबकुछ सामान्य होने और किसी तरह की डर की कोई बातें नहीं होने का भरोसा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। मुखिया प्रतिनिधि अजमल शेख ने कहा कि उन परिवारों को विश्वास में लेने का प्रयास जरूर चल रहा है। शहरकोल पंचायत भवन में शांति बहाली के लिए बैठक भी हुई थी। जिसमें दोनों समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद शांति समिति का गठन भी किया गया है। अब माहौल पूरी तरह सामान्य हो गया है। तीनों पंचायत के बुद्धिजीवी और प्रशासन के सामुहिक प्रयास से मामला शांत हो गया है।
क्या है मामला
दरअसल 17 जुलाई को एक हिंदू परिवार की युवती की तस्वीर से छेड़छाड़ कर एक विशेष समुदाय के लड़के के द्वारा फेसबुक पर पोस्ट किया गया था। जिसके बाद लड़के और उसकी मां के साथ मारपीट किया गया था। अगले ही दिन इस मामले ने सांप्रदायिक रुप ले लिया। दो समुदाय में झड़प हो गई। तोड़फोड़ और पत्थरबाजी व लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस पर भी हमला किया गया और पुलिस के वाहनों को तोड़फोड़ किया गया। इस मामले में दोनों समुदाय के चालीस लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुआ। इनमें से ग्यारह लोगों को जेल भेजा गया। प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर रखा है। पुलिस तारानगर उल्लुपाड़ा, नवादा आमिनघाट और इलामी हिंदू टोला में कैंप कर रही है।