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Maqsood Alam
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मुफ्ती हक्कानी के व्यक्तित्व, जीवन और सेवाओं पर आयोजित सेमिनार में कई अहम फैसले लिये गये

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

साहिबगंज-जिले के बड़हरवा प्रखंड के बड़ा सोनाकड़ गांव में अल-फलाह में एक आमसभा संपन्न हुई।मुफ्ती अब्दुल अजीज हक्कानी रहेमाहुलला की जीवन और सेवाओं पर दो रोजा
सेमिनार के सिलसिले में चर्चा की गई। इसके अलावा,अल फलाह की शैक्षिक और रचनात्मक व तरक्की के लिए बहुत गंभीर नजर आई। अल-फलाह संस्था का विकास कैसे हो इस पर सभी ने अपनी बातों को रखा। अल फलाह एजुकेशनल सोसायटी बड़ा सोनाकोड़ के तत्वाधान में एक आम सभा बुलाई गई और आमसभा में बड़ी संख्या में मुफ्ती साहब के शिष्य और छात्र भी शामिल हुए।यह जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष शेख अजमल सलाफी ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए अल-फलाह स्टाफ और प्रशासक सहित पूरे क्षेत्र से एक आमसभा बुलाई गई थी,जिसमें मुफ्ती के छात्रों को भी आमंत्रित किया गया था.जिसमें सेमिनार 20 और 21अप्रैल,2024 को आयोजित किया जाएगा।कार्यवाही की शुरुआत नईम अख्तर और शोएब अब्दुल खबीर ने तेलावते कलाम बारी व हम्द से की।एजेंडे पर चर्चा करते हुए, मजलिस ने संस्था की बाउंड्री, दीवार के निर्माण के लिए मदद की पेशकश की और आगे भी मदद का आश्वासन दिया। सेमिनार से मुतालिलक जारी गौर व फिक्र में सेमिनार की कई अहम काम पर चर्चा में आई की मजलिस ने जोर देते हुए कहा के मुफ्ती साहब की गैर मतबूआ किताबों में खूसुसियत के साथ दो अहम किताब ‌रफअ आशशकूक अममन अहलला रेबा अल बनूक और हुक्मे तारिक अस सलात,जिसे सेमिनार से पहले छप जानी चाहिए और सेमिनार के अवसर पर जारी किया जाना चाहिए।शेख असलम हक्कानी निदेशक अल-फलाह ने बहुत ही संक्षिप्त तरीके से दोनों पुस्तकों का परिचय दिया।आपको बता दें कि ये दोनों किताबें उर्दू में हैं, पहली किताब सूद बीमा के खिलाफ है और दूसरी नमाज से संबंधित है। असलम हक्कानी साहब ने बताया की मुल्की पैमाने पर जमात के बड़े बड़े कलमकार व सहाफी को मुफ्ती साहब की हयात व ख़िदमात और शखसियत के मुख्तलिफ जेहात व पहलूओ पर मकालात लिखने के लिए खत भेजे जा चुके हैं।याद रहे के मजलिस में कई अहम फैसले लेते हुए सालाना हिसाब-किताब की तारीख 3 मार्च 2024 तय की गई है. वहीं, पुराने बच्चे जामिया इस्लाहुल मोमिनीन बरहेट की ओर से शेख अली मुर्तजा फैजी साहब ने मुफ्ती हक्कानी साहब की किताब हुक्म तारिक अल-सलावत छपाई की पूरी जिम्मेदारी ली है और इस मौके पर असलम हक्कानी साहब ने अली मुर्तजा फैजी और उनके दोस्तों को बधाई दी है। मालूम हो कि शेख रैहान इस्लाही,शेख मोइनुद्दीन इस्लाही, शेख नजरूल इस्लाम इस्लाही साहब,शेख इशहाक साहब आदि ने शेख अली मुर्तजा फैजी के विचारों का समर्थन करते हुए हां कहा।सभा बड़ी सफलता के साथ अपनी उपलब्धियों के साथ दुआ शब्दों के साथ समाप्त हुई,जबकि अध्यक्षता मास्टर मंसूर रहमान साहब हरीशपुरी कर रहे थे और विशेष रूप से अल फलाह के उपाध्यक्ष हाजी हाशिम अली,उप सचिव मास्टर अनवर साहब,नूर मुहम्मद साहब शेख थे।मौके पर अताउर रहमान फैजी, वकीउर रहमान, जमील अख्तर और जिक्र अली, मौलाना नौशाद आलम, मौलाना ओबैदुर रहमान, इरफान साहब, अध्यक्ष वकील अंसारी, कोषाध्यक्ष ताजमल अंसारी,शेख मुबारक बद्र तैमी साहब भी मौजूद थे। मजलिस को कामयाब बनाने में जिम्मेदारान व शिक्षको ने अहम रोल अदा किया।

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