नवीन गणेश चौधरी@समाचार चक्र
बरहेट-राजमल पहाड़ की गुफा में स्थित बाबा नगरी शिवगादी धाम की एक अलग पहचान है.संथाल परगना के देवघर में बाबा बैजनाथ धाम,बाबा बासुकीनाथ धाम के अलावे बाबा गाजेश्वर नाथ मंदिर सदियों से श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना हुआ है.सबसे खास बात यह है कि राजमहल पहाड़ की गुफा में स्थित यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता को बिखेरता है.सावन के महीने में इस दरबार की छटा ओर भी निराली हो जाती है । साहिबगंज जिला के बरहेट प्रखंड से 6 किलोमीटर दूर यह बाबा नगरी पहाड़ की चट्टानी गुफा के अंदर स्थित है । चारों ओर चट्टान से घिरा यह मंदिर अपने आप में अद्भुत है । ऐसा प्रतीत होता है कि मानव विश्वकर्मा ने इस मंदिर का स्वयं निर्माण किया है । हालांकि इस मंदिर का निर्माण कब और कैसे हुआ ? इसके इतिहास को आज तक कोई भी साक्ष्य को प्रमाणित नहीं कर सका है । इस गुफा के अंदर बाबा गाजेश्वर नाथ का दिव्य शिवलिंग पीतांबर रंग का विराजमान है । इसके मस्तक पर सालों भर चट्टानों से बूंद – बूंद कर जलाभिषेक होते रहता है । जो इस दृश्य को देख हर कोई आज भी आश्चर्यचकित होकर घंटो बाबा का दर्शन श्रद्धालु करते है । सावन के महीने में चारों ओर हरियाली पहाड़ो से कल – कल करते झरने तथा पहाड़ से टकराते बादल को देख ऐसा प्रतीत होता है कि मानव लोग कैलाश पर्वत में बाबा के दर्शन करते अपने आप को महसूस करते है । इस दिव्य प्राकृतिक मंदिर का वर्णन शब्दों में जितनी भी की जाए वह काम है । सालोभर बाबा की पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ विभिन्न प्रांतो से आते रहती है । खासकर , सावन में एक माह का श्रावणी मेला तथा महाशिवरात्रि पर तीन दिवसीय मेला के आयोजन पर लाखों की संख्या में देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा अर्चना के लिए उमड़ती है ।
सरकार तथा प्रशासन मंदिर को विकसित के लिए प्रयासरत है—-
यहां सरकार की ओर से लाखों रुपए की योजनाओं के तहत कई योजनाओं को धरातल में उतार कर श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला , बिजली , शुद्ध पेयजल , शौचालय जैसे तमाम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है । सालों भर मंदिर के विकास के लिए शिवगादी प्रबंध समिति की ओर से भी लगातार पहल किया जा रहा है ।
बाबा दरबार पहुंचने का मुख्य सड़क मार्ग है—
उपराजधानी दुमका से पहुंचने के लिए 106 किलोमीटर
साहिबगंज रेलवे जंक्शन से 56 किलोमीटर
बरहरवा रेलवे जंक्शन से 26 किलोमीटर
पाकुड़ रेलवे जंक्शन से 46 किलोमीटर
बरहेट प्रखंड से 6 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है.