समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। घातक दुर्घटना की सूचना नहीं देने या फरार हो जाने की स्थिति में सजा बढ़ाए जाने को लेकर वाहन चालकों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। देश भर में नए कानून के खिलाफ चालकों के विरोध के बीच पाकुड़ में भी इसका असर दिखने लगा है। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चांचकी गांव में नए साल के पहले ही दिन सोमवार को ट्रक चालकों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को ट्रक चालकों के साथ ऑटो और ई रिक्शा टोटो चालकों का भी समर्थन मिला। इस दौरान पाकुड़-धूलियान मुख्य पथ को सुबह 6:00 बजे से ही जाम कर दिया। नए कानून के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप रहा। दोनों और वाहनों की लंबी लाइन लग गई। हालांकि एम्बुलेंस एवं अन्य जरूरी वाहनों को बाधित नहीं किया गया। प्रदर्शन के दौरान ट्रक चालकों में नए कानून के प्रति जबरदस्त नाराज की देखी गई। लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। देश के गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ भी नारेबाजी हुई। इस दौरान ट्रक चालकों ने कहा कि नए कानून के तहत ट्रक चालकों को 10 साल तक की सजा हो सकती है। इससे पहले 2 साल तक की ही जेल का प्रावधान था। कहा कि कानून में बदलाव से ट्रक चालकों में भय का माहौल बना हुआ है। नए कानून से ट्रैक चालकों का मनोबल गिर गया है। यह भी कहा कि वाहन चालक जानबूझकर दुर्घटना नहीं करते हैं। अनजाने में दुर्घटनाएं हो जाती है। दुर्घटना के बाद चालक इसलिए वहां से भागने की कोशिश करता है, क्योंकि भीड़ उसकी पिटाई कर सकती है। जिससे चालक की जान भी जा सकती है। प्रदर्शन में शामिल ट्रक चालकों ने कहा कि सजा के प्रावधान में बदलाव से चालकों में हमेशा डर बना रहेगा। इससे ध्यान भटकेगा और दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बढ़ सकती है। इसलिए हम सभी वाहन चालक सरकार से कानून को वापस लेने की मांग करते हैं। वहीं मामले की सूचना मिलते ही मुफस्सिल थाना प्रभारी अमर कुमार मिंज मौके पर पहुंचे। उन्होंने सड़क जाम कर रहे ट्रक चालकों को समझाने की कोशिश की और जाम को हटाने का अनुरोध किया। लेकिन ट्रक चालक मानने को तैयार नहीं हुए। उनका साफ कहना था कि कानून में बदलाव के खिलाफ आंदोलन चलता रहेगा। केंद्र सरकार को कानून में किए गए बदलाव को वापस लेना होगा। उल्लेखनीय है कि हिट एंड रन मामलों में सजा बढ़ाई गई है। पूर्व में आईपीसी की धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपी को केवल 2 साल तक की सजा हो सकती थी। अब इसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसी को लेकर देश भर में वाहन चालक प्रदर्शन कर रहे हैं।
