बिक्की@समाचार चक्र
पाकुड़िया। प्रखंड के पाकुड़िया पंचायत अंतर्गत पत्थरडांगा गांव के विश्वनाथ हांसदा ने मशरूम की खेती कर अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। मशरूम की खेती कर वह अपने सपनों को साकार कर रहे हैं। विश्वनाथ हांसदा का कहना है कि वर्तमान में मसरूम बेचकर मैं दस से पंद्रह हजार रुपए की आय प्रति माह प्राप्त कर रहा हूं। जिससे हमारे साथ मेरे पूरे परिवार में खुशी की लहर छाई हुई है। मशरूम की खेती का उद्देश्यों को लेकर उन्होंने बताया कि छोटे स्तर से बड़े पैमाने तक यह बिजनेस को ले जाने का सोच हमारा है। हम लगातार मेहनत कर रहे हैं, सकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प के साथ मशरूम की खेती कर अपने अधूरे सपनों को पूरा करेंगे। सर्वप्रथम मैं दो हजार रुपए से इस बिजनेस का शुरुआत किया। जिससे हमें दस हजार रुपए की आमदनी हुई। फिर मैं इस दस हजार रुपए को अपनी पूंजी के तौर पर इस बिजनेस में लगा दिया और ज्यादा पैमाने पर उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की कोशिश की। क्योंकि दूसरे जिलों से भी खरीददार यहां तक पहुंचने लगे हैं।
पूंजी की कमी से हो रही परेशानी
उन्होंने बताया कि हमारी पूंजी बहुत ही कम होने के कारण उत्पादन क्षमता भी कम हो पाती है। जिससे ग्राहकों को हम समय पर नहीं दे पाते हैं और उसे मजबूरन वापस लौटना पड़ता है। अगर सरकार के द्वारा हमें ऋण उपलब्ध करा दिया जाता, तो मैं अपना बिजनेस अच्छा से चला पाता।
पौष्टिकता के साथ ही औषधीय भी है मशरूम
पौष्टिकता के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर मशरूम के विभिन्न वेराइटी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई प्रकार की योजना लेकर आई है। मशरूम उत्पादन 15 से 38 डिग्री सेल्सियस पर होता है। मशरूम मौसम आधारित खेती है। जलवायु परिवर्तन का इस पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसकी उत्पादन को लेकर कम से कम 15 व अधिकतम 38 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है। मैदानी क्षेत्र में 10 से 40 डिग्री तापमान पर मशरूम उत्पादन होता है।