समाचार चक्र संवाददाता
मुर्शिदाबाद: जिले के शमशेरगंज थाना क्षेत्र के जियातकुंडू गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। एक मामूली-सी बहस, जो केवल कुछ ही मिनटों की थी, उसने एक मासूम की जिंदगी छीन ली। भाई और बहन के बीच TV देखने को लेकर विवाद हुआ और भाई ने गुस्से में आकर आत्मघाती कदम उठा लिया। Cricket Match और TV Serial के चुनाव को लेकर हुई बहस इतनी गंभीर हो जाएगी, यह किसी ने नहीं सोचा था।
Cricket vs TV Serial: एक छोटी-सी बहस बनी जिंदगी और मौत का कारण
05 march की शाम घर में भाई-बहन साथ बैठकर TV देख रहे थे। उसी समय, टेलीविजन पर “South Africa vs New Zealand” का Cricket Match प्रसारित हो रहा था। भाई पूरी दिलचस्पी से यह मैच देख रहा था, लेकिन बहन को यह उबाऊ लग रहा था। वह अपना पसंदीदा TV Serial देखना चाहती थी। जैसे ही बहन ने Channel बदलने की कोशिश की, भाई को गुस्सा आ गया और उसने इसका विरोध किया।
यह बहस धीरे-धीरे झगड़े में बदल गई। बहन ने जिद पकड़ ली कि वह अपना TV Serial ही देखेगी, जबकि भाई Cricket Match देखने पर अड़ा रहा। कुछ देर तक दोनों के बीच बहस जारी रही, फिर भाई गुस्से में वहां से उठकर चला गया।
गुस्से में उठाया आत्मघाती कदम, परिवार को नहीं था अंदाजा
परिवार के सदस्यों ने इस झगड़े को एक आम भाई-बहन की नोकझोंक समझा और ज्यादा ध्यान नहीं दिया। किसी को यह अंदाजा नहीं था कि भाई इस मामूली बात को इतनी गंभीरता से ले लेगा। वह सीधा अपने कमरे में गया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
रात बढ़ती गई, लेकिन भाई बाहर नहीं आया। बहन और परिवार के अन्य सदस्य भी अपने-अपने कामों में लग गए। किसी को भी यह नहीं पता था कि कमरे के भीतर क्या हो रहा है। जब काफी देर तक भाई बाहर नहीं आया, तो बहन को चिंता हुई।
जब परिवार के लोगों ने दरवाजा खटखटाया और कोई जवाब नहीं मिला, तो शक गहराने लगा। दरवाजा जबरन खोला गया, तो जो दृश्य वहां था, उसने सबको झकझोर कर रख दिया। भाई का शव फंदे से लटक रहा था।
घर में मचा कोहराम, पूरे गांव में पसरा मातम
भाई को इस हाल में देखकर बहन फूट-फूटकर रोने लगी। परिवार के अन्य सदस्य भी रोने-चिल्लाने लगे। पूरे घर में मातम छा गया। रोने-बिलखने की आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग भी वहां पहुंच गए।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए जंगीपुर सदर अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है, लेकिन प्रारंभिक तौर पर यह मामला आत्महत्या का बताया जा रहा है।
बच्चों में Patience की कमी: छोटी-छोटी बातों पर टूट रहा संयम
आजकल यह देखा जा रहा है कि बच्चों और युवाओं में Patience की भारी कमी हो गई है। छोटी-छोटी बातों पर वे गुस्सा हो जाते हैं और आवेश में ऐसे फैसले ले लेते हैं, जो उनकी पूरी जिंदगी को समाप्त कर सकते हैं।
इस घटना में भी यही हुआ। यह बस एक साधारण सा झगड़ा था, जैसा हर घर में अक्सर होता है। लेकिन आवेग और गुस्से पर काबू न रख पाने के कारण एक मासूम युवक ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली।
इस तरह की घटनाएं समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हैं। बच्चों को यह समझाने की जरूरत है कि हर समस्या का हल बातचीत से निकाला जा सकता है। गुस्सा और जल्दबाजी में लिए गए फैसले खतरनाक हो सकते हैं।
Parents की बढ़ती जिम्मेदारी: बच्चों की मानसिकता को समझना जरूरी
यह घटना माता-पिता के लिए भी एक संदेश है। आज की पीढ़ी भावनात्मक रूप से कमजोर होती जा रही है। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ खुलकर संवाद करना चाहिए। उन्हें यह सिखाना जरूरी है कि जीवन में छोटी-मोटी परेशानियां आती रहती हैं, लेकिन इनका समाधान आत्महत्या नहीं है।
Parents को अपने बच्चों की मानसिक स्थिति को समझने की जरूरत है। अगर कोई बच्चा बार-बार गुस्सा करता है, छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ा हो जाता है, या खुद को अलग-थलग महसूस करता है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि वह मानसिक तनाव में है।
School और Society को भी इस दिशा में पहल करनी होगी। बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए Psychological Counseling, Patience बढ़ाने वाले कार्यक्रम और सकारात्मक बातचीत की जरूरत है।
एक सीख: जिंदगी अनमोल है, हर समस्या का हल है
यह घटना समाज के लिए एक Warning है कि हमें अपनी नई पीढ़ी को मानसिक रूप से मजबूत बनाना होगा। गुस्से और झुंझलाहट में लिए गए फैसले कभी भी सही नहीं होते।
अगर कभी कोई समस्या लगे, तो परिवार से बात करें, दोस्तों से सलाह लें। लेकिन आत्महत्या जैसे फैसले से बचें। Life अनमोल है और हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।
हर माता-पिता, हर अभिभावक और हर युवा को इस घटना से सीख लेनी चाहिए, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।
आपने बहुत अच्छा लेखा हैं