महेशपुर-संथाल परगना जागवार बैसी महेशपुर इकाई द्वारा अंबेदकर चौक में विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो का पुतला दहन किया।
जागवार वैसी के संरक्षक कीनू हेंब्रम ने कहा कि सदन लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, परंतु विगत दिनों पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों के लिए बने कानून पेशा एक्ट-1996 के नियमावली को लेकर सदन में सवाल करते वक्त विधानसभा का टीवी प्रसारण एवं माइक को बंद कर दिया गया था। इसी के विरोध में जागवार वैसी ने विधानसभा अध्यक्ष का विरोध जाहिर किया है। ऐसा करतूत सदन की मर्यादा का हनन इंगित करता है। सदन में नीति निर्धारण होता है। इससे झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों के आदिवासियों का घोर अपमान हुआ है। कहीं ना कहीं आदिवासी की आवाज को दबाने की साजिश हो रही है। संसदीय मंत्री आलमगीर आलम के द्वारा पेसा एक्ट पर गोल मटोल जवाब से समाज में काफी आक्रोश है। पैसा एक्ट लंबी वर्ष होने के बाद भी राज्य सरकार पेसा एक्ट के नियमावली को लेकर शिथिलता एवं लापरवाही क्यों बरत रहे हैं? हेमंत सरकार आदिवासियों के अधिकारों के प्रति काफी असंवेदनशील लग रहे हैं। वैसी के द्वारा नई नियोजन नीति 60/40 का भी विरोध जाहिर किया गया। हेमंत सरकार किस स्थानीय नीति के आधार पर नई नियोजन नीति लाई है ? किस स्थानीय के तहत स्थानीय व्यक्ति का परिभाषित होगा? हेमंत सोरेन ने तो 40% सीट को खुला दरवाजा बना दिया है जो झारखंड के बेरोजगार युवाओं के हक को मारा जा रहा है। राज्य सरकार नई नियोजन को सुधार कर पहले स्थानीय नीति को लागू करें अगर झारखंड हित में नीति नहीं बनाया गया तो जोरदार आंदोलन होगा। साथ ही सभी विधायकों का घेराव किया जाएगा।
पुतला दहन कार्यक्रम में कीनू हेम्ब्रम, अनिल हेम्ब्रम, सुनील किस्कू, मनोज किस्कू, बाबूधन मुर्मू, मनोज किस्कू, मार्क बास्की, जॉन मुर्मू, रमेश आदि मौजूद थे।