मकसूद आलम एवं अबुल कासिम कि विशेष रिपोर्ट
पाकुड़ । जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर बंगाल सीमा से सटे छोटा सा गांव भवानीपुर के तीन सगे भाई बहनों ने नीट परीक्षा में सफलता की नई गाथा लिख दी है। देश के प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षाओं में शामिल नीट जैसी परीक्षा में तीनो भाई बहनों ने सफलता हासिल कर माता-पिता के साथ-साथ गांव और जिले का नाम देशभर में रोशन किया है।
पिता अकमर हुसैन ने बताया कि बेटा जाईद अख्तर, बेटी अनीशा तसनीम एवं अजीफा परवीन नीट प्रवेश परीक्षा में बेहतर अंक के साथ एक साथ सफलता पाई है। उन्होंने बताया कि जाईद अख्तर नीट में प्राप्त अंक – 648 ऑल इंडिया रैंक 7520, अनीशा तसनीम नीट में प्राप्त अंक – 587 ऑल इंडिया रैंक 36793 और अजीफा परवीन नीट में प्राप्त अंक – 594 ऑल इंडिया रैंक 32,850 हासिल हुआ है। तीनो भाई बहनों ने राजस्थान के कोटा में रहकर एलन से तैयारी किया था। जाईद अख्तर पहली बार नीट क्वालीफाई किया। जबकि दोनों बेटी क्रमशः तीसरी और चौथी बार क्वालीफाई किया है।
पिता अकमर हुसैन ने बताया कि जाईद अख्तर संत जोसेफ कान्वेंट हाई स्कूल मुसाबनी से 96 प्रतिशत अंक के साथ मैट्रिक पास किया था। जबकि शिव ज्योति इंटरनेशनल स्कूल कोटा राजस्थान से 95 प्रतिशत अंक के साथ इंटर में सफलता हासिल किया था। अनीशा तसनीम ने संत जोसेफ कान्वेंट हाई स्कूल मुसाबनी से 92 प्रतिशत अंक के साथ मैट्रिक पास की थी। इंटर की पढ़ाई शिव ज्योति इंटरनेशनल स्कूल कोटा राजस्थान से किया था। इंटर में 90 प्रतिशत अंक हासिल की थी। अजीफा परवीन ने विधान स्कूल दुर्गापुर से मैट्रिक पास किया था। मैट्रिक में 88 प्रतिशत अंक मिला था। इंटर की पढ़ाई संत जोसेफ कान्वेंट हाई स्कूल मुसाबनी जमशेदपुर से पूरी की थी। इंटर में 83 प्रतिशत अंक मिला था।
तीनों सगे भाई बहनों ने नीट की परीक्षा में इतिहास रचा है। यह पाकुड़ जिले के लिए गर्व की बात है। एक ही परिवार से तीन सगे भाई बहनों का देश के प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षाओं में शामिल नीट में सफलता हासिल करना वाकई में किसी चमत्कार से कम नहीं है। तीनों भाई बहनों ने यह साबित कर दिया है कि किसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत जरूरी होता है और मेहनत में जितना पसीना बहा जाता है सफलता का रंग भी उतना ही चमकदार होता है।
यह बताना भी जरूरी होगा की जाईद अख्तर, अनीशा तसनीम और अजीफा परवीन के पिता अकमर हुसैन पेशे से प्राइमरी शिक्षक हैं। पिता अकमर हुसैन का जीवन भी काफी संघर्ष भरा रहा है। उन्हें भवानीपुर गांव में ही पारा शिक्षक के रूप में नौकरी मिली थी। जिससे बच्चों को पढ़ाना थोड़ा मुश्किल हो रहा था। इसलिए उन्होंने ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। इसी बीच साल 2016 में जमशेदपुर में प्राथमिक विद्यालय धोबनी में प्राइमरी शिक्षक के रूप में नौकरी मिली। परिवार के साथ गांव से जमशेदपुर चले गए। अपने संघर्ष भरे जीवन में बच्चों को पढ़ाने का संकल्प ले रखा था। जिसे उन्होंने पूरा करने का हर संभव कोशिश किया। तीनों बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए राजस्थान भेज दिया। जहां से तैयारी के बाद नीट की परीक्षा में इस साल एक साथ शामिल हुए। परिणाम भी बहुत ही शानदार निकला। पिता अकमर हुसैन और मां तोलियारा खातून बच्चों की सफलता से काफी खुश हैं।
पिता अकमर हुसैन ने बताया कि तीनों बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई करेंगे। तीनो भाई बहनों का डॉक्टर बनकर देश सेवा करने की तमन्ना है। आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें जितना भी मेहनत करना पड़े, करेंगे। इधर तीनो भाई बहनों की शानदार सफलता से भवानीपुर गांव में जश्न का माहौल है। पिता अकमर हुसैन को दूरभाष पर गांव से लगातार बधाई और शुभकामनाएं मिल रही है।