Homeपाकुड़पानी निकासी का नहीं हो रहा इंतजाम, नरक जैसी जिंदगी जी रहा...
Maqsood Alam
(News Head)

पानी निकासी का नहीं हो रहा इंतजाम, नरक जैसी जिंदगी जी रहा एक सौ परिवार

तारानगर गांव के जुबिटल टोला में बारिश का पानी जमा होने से बढ़ी परेशानी

समाचार चक्र की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें
Gunjan Saha
(Desk Head)

अबुल काशिम@समाचार चक्र

पाकुड़। सदर प्रखंड के तारानगर गांव का एक सौ परिवार पानी निकासी नहीं होने से नरक जैसी जिंदगी जीने को बेबस है। लगभग पांच सौ की आबादी बारिश के पानी में घिरा हुआ है। यह मुहल्ला जुबिटल टोला के नाम से जाना जाता है। जो वार्ड संख्या 14 और 15 में स्थित है। पिछले करीब एक पखवाड़े से लोग अपने ही घरों में कैद है। लगभग पंद्रह साल पहले से लोग यहां बसते आ रहे हैं। आज तक इस मुहल्ले में सड़कें नहीं बन पाई। लोग कच्ची बदहाल सड़कों से आना जाना करते है। पानी निकासी का भी कोई इंतजाम नहीं है। यह सबसे बड़ी समस्या बन गई है। लोग जरुरी काम से कमर भर पानी से होकर गुजरते हैं। तस्वीर बहुत ही दयनीय और चिंताजनक है। हालत यह है कि कुछ परिवार घर छोड़कर जाने लगे हैं। किसी तरह बड़ी मुश्किल से घर का चूल्हा तो जल जाता है। लेकिन बच्चों की पढ़ाई और बीमारी के इलाज में काफी परेशानी हो रही है। प्रशासन की नजर अब तक नहीं पड़ा है। पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रशासन तक शायद ही इन परिवारों की परेशानियों को पहुंचाया होगा। इसलिए लोगों के चेहरे पर निराशा भी साफ दिख रहा है। प्रभात मंत्र की टीम को जब इन हालातों की सूचना मिली, बड़ी मुश्किल से प्रतिनिधि ने स्थल पर पहुंच कर लोगों से बातें की। लोगों की परेशानियों को जानने का प्रयास किया। कई ऐसी तस्वीरें सामने आई, जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर देगा। पुरुषों की क्या कहें, महिलाएं अपने काम में कमर भर पानी के बीच चलकर आना जाना कर रही है। पानी लाने की बात हो, चाहे परिवार का भूख मिटाने के लिए बीड़ी ठेकेदारों के कारखाना जाने की बात, महिलाओं में भींग भींग कर आवागमन की विवशता दिखी। किसी को जुगाड़ नांव डिंगी (स्थानीय भाषा) से जान जोखिम में डालकर आना जाना करते हुए भी देखा गया। महिलाओं में रेखा खातून एवं अन्य महिलाओं और पुरुषों में वजीर हुसैन, जामू शेख आदि ने बताया कि करीब दस पंद्रह साल से इस टोला में रह रहे हैं। पानी निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। बारिश के पानी से चारों तरफ से घिरे हुए हैं। पानी निकल नहीं पा रही है। घरों में भी पानी घुस गया है। पिछले एक पखवाड़े से अपने ही घर में कैद है। किसी भी काम से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। एक तो पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। दूसरी ओर सड़क भी कच्ची है। जिस वजह से परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है। अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी इलाज को लेकर है। किसी की तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए डॉक्टर के पास नहीं ले जा पा रहे हैं। ग्रामीण चिकित्सक भी इस टोला में आने से कतराते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बहुत जरूरत पड़ने पर ही बड़ी मुश्किल से घर से निकलते हैं। कमर भर पानी में चलकर जरूरी काम निपटाते हैं। पानी के लिए महिलाओं को भींग भींग कर जान जोखिम में डालकर जाना पड़ता है। अनाज एवं अन्य जुगाड़ के लिए आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि एक दो परिवार घर छोड़कर जा चुके हैं। अगर यही स्थिति रही और पानी नहीं निकल पाया तो बीमारी फैलने की आशंका भी बढ़ जाएगी। लोगों को बीमारी फैलने का डर भी सता रहा है। पानी जमा होने की वजह से जहरीले सांप क डर भी लोगों को परेशान कर रहा है। कुल मिलाकर हमारी जिंदगी नरक बन गई है। ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह जिंदगी गुजरना किसी नरक से कम नहीं है। यह भी कहा कि पानी में छोटे-छोटे बच्चों के डूबने का भी डर बना रहता है। कई बार हादसा भी हो चुका है। पिछले कुछ दिन पहले ही पानी में डूबते डूबते एक बच्चे को बचाया गया। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन से मदद की आस है। प्रशासन से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द स्थायी रूप से पानी निकासी की व्यवस्था करें। यह भी कहा कि हमें ऐसी स्थिति में परिवार चलाने में परेशानी हो रही है। आज तक किसी तरह का मदद नहीं मिला है। प्रशासन से परिवार चलाने के लिए आपदा राहत कोष से हमें मदद करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Recent Comments