समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़-केंद्र सरकार के निर्देश पर दिल्ली पुलिस द्वारा देश के आधा दर्जन नामचीन पत्रकारों के खिलाफ किये गए मुकदमों के विरोध में अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के बैनर तले झारखण्ड राज्य के पाकुड़ जिले के पत्रकारों ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन पाकुड़ उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बर्णवाल को सौंप कर अपना विरोध दर्ज कराया है।ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि केन्द्र सरकार के संरक्षण और अप्रत्यक्ष आदेश के उपरांत राजधानी दिल्ली से बीते तीन अक्टूबर की सुबह सात बजे जिस तरीके से दिल्ली पुलिस ने देश के वरिष्ठ पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। यह कृत्य लोकतांत्रिक मर्यादा तथा अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात है।हम सभी पत्रकार दिल्ली पुलिस की इस एक पक्षीय कार्यवाही का विरोध करते हैं। महोदया से देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं देश में पत्रकारिता के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करने की अपील करते हैं।महोदया,विदित हो कि दिल्ली पुलिस के द्वारा न्यूजक्लिक से जुड़े देश के जिन वरिष्ठ पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है,उन पर यू ए पी ए की कई धाराएं लगाई गई हैं। यही नही पूछताछ के नाम पर उनको अनैतिक रूप से टार्चर भी किया गया। गिरफ्तार किए गए पत्रकारों के मोबाइल और लैपटॉप को भी कथित तौर पर जब्त कर लिया गया है।उन पर गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सेक्शन 13,आतंकी कृत्य के लिए सेक्शन 16,आतंकी कृत्यों के लिए पैसा जुटाने के लिए सेक्शन 17, साजिश के लिए सेक्शन 18, तथा कंपनी या ट्रस्ट द्वारा अपराध किए जाने पर लगाए जाने वाले धारा 22(C) के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही आई पी सी की धारा 153 A (पहचान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 120 B (आपराधिक साजिश) आदि भी शामिल है। दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई वास्तव में पत्रकारों के लिए डराने वाला अनुभव है।गिरफ्तारी के बाद उन पर लगाई गई उपरोक्त सभी धाराएं और उन पर लगाए गए संगीन आरोप पूरी तरह से निराधार तथा अप्रमाणित हैं।इस मामले का सबसे दुःखद पहलू यह है कि पत्रकार अभिसार शर्मा,भाषा सिंह,उर्मिलेश, प्रवीर पुरकायस्थ,परनजोप गुहा ठाकुरता,ऑनिदयो चक्रवर्ती,लेखक व साहित्यकार सोहैल हाशमी तथा स्टैंड अप कॉमेडियन संजय रजौड़ा के ऊपर धाराएं पहले लगाई गई और उनके अपराध की जाँच बाद में की जा रही है। महोदया,बीते कुछ सालों से देश में निष्पक्ष व पारदर्शी पत्रकारिता पर जिस तरह से लगातार पुलिसिया उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।स्वतंत्र पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को अब इस बात का अंदेशा होने लगा है कि केन्द्र की सत्तासीन सरकार को आलोचना अथवा निष्पक्षता पसन्द नहीं है।वह लोकतांत्रिक परम्पराओं को सुरक्षित रखने के बजाय निरंकुशता की पक्षधर हो चली है।अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति – दिल्ली पुलिस द्वारा आरोपित किये गए सभी पत्रकारों को आरोप मुक्त करने की पुरजोर माँग करती है। इस पुनीत कार्य के लिए समूचा पत्रकार जगत महामहिम का आभारी रहेगा।उक्त मौके पर अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मक़सूद आलम,वरिष्ठ पत्रकार कृपा सिंधु तिवारी,राजेश प्रसाद, अबुल काशिम,इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जॉर्नलिष्ट के पाकुड जिला अध्यक्ष अमित दास,गुंजन कुमार,एहसान आलम,प्रीतम सिंह यादव आदि मौजूद थे।