समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। झारखंड और पश्चिम बंगाल के तीन-तीन जिले को टच करने वाली बैस्टमडांगा के ग्रामीणों के लिए पक्का रास्ता कभी सपना हुआ करता था।आजादी के बाद से ही सरकारी उदासीनता का शिकार गांव के लोगों को पानी और कीचड़ में चलकर मुख्यालय आना-जाना पड़ता था। पानी और कीचड़ से बचना हो तो बंगाल के राजग्राम के रास्ते लंबी दूरी तय करना पड़ता था। जिला मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर दूर एक छोर पर बंगाल सीमा से बिल्कुल सटा बैस्टमडांगा गांव के ग्रामीणों की इस परेशानी को समझने वाला भी कोई नहीं था। प्रशासन और सरकार की ओर से कोई ठोस कदम उठाना तो दूर, ग्रामीणों की सुधि लेने वाला भी कोई नहीं था। हां अगर वोट मांगने की बात हो तो नेताओं की टोली जरुर पहुंच जाती और बड़े-बड़े वादे कर आते। फिर चुनाव खत्म होते ही, नेताओं का दर्शन पांच साल तक होना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव था। झारखंड का पाकुड़ जिला और पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद व बीरभूम जिला के सीमा पर बसे बैस्टमडांगा के ग्रामीणों की दाद देनी होगी कि अंत तक हार नहीं मानी और अंत में मंत्री आलमगीर आलम पर भरोसा जताया। मंत्री आलमगीर आलम और कांग्रेस प्रदेश महासचिव तनवीर आलम के पास फरियाद लेकर पहुंचे। मंत्री आलमगीर आलम ने ग्रामीणों आश्वस्त किया कि हर हाल में सड़क का निर्माण कराया जाएगा। मंत्री आलमगीर आलम और कांग्रेस महासचिव तनवीर आलम ने अलग-अलग दिनों में अधिकारियों के साथ देवतल्ला गांव से होकर बैस्टमडांगा तक खेतों के बीच पैदल चलकर मुआयना किया। इस दौरान कई जगह जमीन को लेकर बड़ी समस्याएं भी दिखाई दी। मंत्री आलमगीर आलम और तनवीर आलम ने किसानों से बात कर इस समस्या का भी हल निकाला। इसमें कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष मंसारुल हक की भी बड़ी भूमिका रही। किसानों को मनाने के बाद तत्कालीन बीडीओ शफीक आलम और सहायक अभियंता श्याम दत्त शुक्ला को मनरेगा के तहत मिट्टी भरकर पहले सड़क को आकार देने का निर्देश दिया और फिर एक महीने में सड़क तैयार हो गया। इसके बाद आरईओ विभाग से पुलियों के साथ-साथ पीसीसी सड़क की स्वीकृति दी गई। आज सड़क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। देवतल्ला और बैस्टमडांगा गांव को जोड़ने वाली खेतों के बीच से गुजरी इस सड़क की तस्वीर बदल गई है। मंत्री आलमगीर आलम ने ग्रामीणों को वह तोहफा दिया है, जिसका अंदाजा शायद ही ग्रामीणों को होगा। यह बताना भी जरूरी होगा कि केवल सड़क निर्माण कराकर छोड़ देना ही नहीं है, बल्कि सड़क के टिकाऊ के लिए गार्डवाल भी बनेंगे। कई जगहों पर, जहां बरसात में कटाव का खतरा रहता है, वहां मजबूत गार्डवाल का निर्माण कराया जाएगा। इसकी भी स्वीकृति मिल चुकी है। यह हमेशा से माना गया है कि किसी भी गांव के विकास के लिए अच्छी सड़कों का होना जरूरी है। मंत्री आलमगीर आलम भी इसी सोच के साथ कनेक्टिविटी पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। इधर सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों ने मंत्री आलमगीर आलम और कांग्रेस प्रदेश महासचिव तनवीर आलम का आभार जताया है।
