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Maqsood Alam
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प्रभु यीशु मसीह के जन्म की खुशी में डूबा शहर, हर्षोल्लास से मना क्रिसमस

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Gunjan Saha
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कैरोल गीत से गुंज उठा शहर, केक, चॉकलेट और मिठाई खिलाकर खुशी का किया इजहार

पाकुड़। प्रभु यीशु मसीह के जन्म की खुशी में क्रिश्चियन समुदाय के द्वारा सोमवार को क्रिसमस पर्व भाईचारे के बीच हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। क्रिश्चियन समुदाय का पवित्र और सबसे बड़ा पर्व क्रिसमस पर क्या बच्चे और युवा, बुजुर्गों में भी गजब का उत्साह दिखा।

इस पवित्र अवसर पर गिरजाघरों में प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। प्रभु यीशु मसीह के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। प्रभु यीशु मसीह के सातों वचन को पढ़ा गया। प्रार्थना सभा में बाइबल पाठ कर उनके संदेशों को बताया गया। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिसमस की धूम रही।

इस अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित नामचीन जिदातो मेथोडिस्ट चर्च और धनुषपुजा मेथोडिस्ट चर्च में क्रिश्चियन समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रार्थना सभा में बच्चे, बुजुर्ग और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पुरुष और महिलाओं की भीड़ देखी गई। 

जिदातो मेथोडिस्ट चर्च में दो अलग-अलग प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। पहले सुबह 8:30 बजे हिंदी और संथाली में प्रार्थना सभा हुई। जिसमें रेवरन शर्मिला सोरेन ने प्रार्थना सभा संपन्न कराया। उन्होंने प्रभु यीशु मसीह के संदेशों और वचनों को लोगों के बीच रखा। वहीं क्रिसमस से जुड़ी गीत प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बाइबल का भी पाठ कराया। प्रभु यीशु मसीह के प्रेम और भाईचारे के संदेशों को बाइबल के जरिए लोगों के बीच रखा।

दूसरी प्रार्थना सभा सुबह 10:30 बजे हुई। जिसमें बांग्ला भाषा में रेवरन स्टीफन सोरेन ने प्रार्थना सभा संपन्न कराया। इधर धनुषपुजा चर्च में दोपहर लगभग 12:00 बजे प्रार्थना सभा शुरू हुआ। जिसमें समाज के हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। धनुषपुजा चर्च में रेवरन इमानुएल चित्रकार ने प्रार्थना सभा संपन्न कराया।

उल्लेखनीय है कि पाकुड़ जिले भर में पवित्र क्रिसमस का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। भाईचारा और सौहार्द के बीच पर्व को संपन्न कराने में प्रशासन से लेकर समाज की अहम भूमिका होती है। क्रिश्चियन समुदाय के लोग प्रभु यीशु मसीह के प्रेम और भाईचारे के संदेश को सादगी से रखते हैं। इस अवसर पर गिरजाघर को बेहद ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया था। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों में स्थित चर्चों में चरनी बनाया गया था। जिसमें प्रभु यीशु मसीह के जन्म से जुड़ी दृश्य को बेहद ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया था।

वहीं रविवार की आधी रात को जैसे ही प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ, लोग खुशी से झूम उठे और क्रिसमस के गीतों से पूरा शहर गूंज उठा। क्रिश्चियन समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी। एक दूसरे को केक और मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। इस बीच सोशल मीडिया में भी क्रिसमस के बधाई संदेशों का सिलसिला शुरू हो गया। अगले दिन सोमवार को लोग गिरजाघरों में पहुंचने लगे। इस अवसर पर गिरजाघर में कैंडल जलाकर ज्योति का भी संदेश दिया गया। अंधकार को दूर करने के लिए ज्योति की अहमियत का संदेश लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की गई। प्रभु यीशु मसीह के इस संदेश को समाज में पहुंचाने का काम किया गया। क्रिश्चियन समुदाय के बच्चे और युवक युवतियों में सेल्फी लेने का भी दृश्य दिखाई दिया।

वहीं कीर्तन मंडली भी क्रिसमस गीतों के साथ चर्च में पहुंचे। वहीं देर शाम क्रिसमस की उमंग में डूबे समुदाय के लोग खुशियां बांटने शहर में निकल पड़े। इस दौरान जिंगल बेल जिंगल बेल जिंगल ऑल द वेल… कैरोल गीत से शहर गूंज उठा। इस दौरान सांता क्लॉज बच्चों के बीच केक, चॉकलेट, ट्रॉफी बांटते नजर आए।

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