- अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना भी किया बंद
- रैयतों को ना मुआवजा मिला, ना स्वास्थ्य सुविधाएं
- अवैध रूप से माइनिंग बेचने का भी आरोप
पाकुड़। जिले के हिरणपुर प्रखंड अंतर्गत गणेशपुर मौजा में रैयतों को मुआवजा दिए बगैर हथियार के बल पर लीजधारक के द्वारा पत्थर खनन की कोशिश करने की शिकायत लेकर दर्जनों रैयत और ग्रामीण सोमवार को समाहरणालय पहुंचे।
उपायुक्त के नाम आवेदन लेकर पहुंचे रैयत और ग्रामीणों में खदान संचालक के प्रति जबरदस्त नाराजगी देखी गई। आवेदन में रैयत और ग्रामीणों ने लीजधारक अफरोज आलम को निर्गत खनन पट्टा रद्द करने की मांग की है। आवेदन के मुताबिक पाकुड़ शहर के तांतिपाड़ा (हरिणडंगा बाजार) के रहने वाले अफरोज आलम ने हिरणपुर अंचल के दाग संख्या 118, 119, 120, 121, 122, 123, 124, 132, 134, 135, 140, 141, 142 तथा जमाबंदी संख्या 17, 34 एवं 35 में रैयतों से 5 लख रुपए प्रति बीघा के दर से खनन पट्टा लिया गया था। लेकिन जमीन लेने के समय लगभग 10,000 रुपए प्रति बीघा मुआवजा स्वरूप दिया गया। शेष राशि बाद में देने की बात कह कर जमीन खोदने का काम शुरू कर दिया।
आवेदन में यह भी जिक्र किया है कि ग्रामीण एवं रैयतों को रोजगार एवं स्वास्थ्य सुविधा देने का भी वादा किया था। लेकिन लीजधारक अफरोज आलम कुछ ही दिनों में पत्थर खनन का काम बंद कर दिया। आरोप लगाया है कि पत्थर खनन का काम बंद करने के बावजूद लीज धारक अफरोज आलम अपराधी प्रवृत्ति के सहयोगियों के साथ मिलकर कुछ दिन पहले ही खनन कार्यालय से अवैध रूप से लगभग 55,000 सीएफटी का माइनिंग चालान प्राप्त कर अधिक राशि से कालाबाजारी कर दिया।
आवेदन में यह भी उल्लेख किया है कि लीजधारक अफरोज आलम अपराधी प्रवृत्ति के सहयोगियों के साथ मिलकर जबरदस्ती और हिंसक तरीके से अवैध हथियारों का खुलेआम प्रदर्शन करते हुए पोकलेन और पेलोडर से जमीन खोदने का प्रयास कर रहे हैं। अफरोज आलम ने अभी तक रैयतों को विधिसम्मत और उचित मुआवजा नहीं दिया है। अफरोज आलम ने रैयत और ग्रामीणों को रोजगार भी नहीं दिया है।
वहीं जबरदस्ती पत्थर खनन कर रहा है और अवैध रूप से माइनिंग चालान का व्यापक पैमाने पर कालाबाजारी करना चाह रहा है। इसमें पाकुड़ के माइनिंग माफिया के गैंग का पूर्ण सहयोग की बात भी कही गई है। यह माइनिंग माफिया गैंग इन दिनों काफी सक्रिय हैं। आवेदन में आरोप लगाया है कि जिस जगह जमीन पर पत्थर खनन किया जा रहा है, उसके ठीक सामने गणेशपुर प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। विद्यालय में गांव के बच्चें शिक्षा हासिल करते हैं। लेकिन अफरोज आलम और अपराधी प्रवृत्ति के सहयोगियों के लगातार अपराधिक प्रवेश और घातक हथियारों के प्रदर्शन से बच्चें दहशत में है।
आरोप लगाया है कि छात्रों का शैक्षणिक माहौल और पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह प्रभावित हो गया है। अभिभावकों ने बच्चों को विद्यालय भेजना लगभग बंद कर दिया है। आवेदन के जरिए रैयत और ग्रामीणों ने उक्त दाग और जमाबंदी संख्या पर अवस्थित खदान के लिए निर्गत खनन पट्टा को अभिलंब रद्द करने की मांग की है। वहीं अपराधी प्रवृत्ति के लोगों का गांव में प्रवेश पर रोक लगाने की भी गुहार लगाई है।
आवेदन में मानवेल टुडू, अमेली टुडू, शैलेंद्र टुडू, लुखीराम मुर्मू, बाबूचांद सोरेन, साधु सोरेन, बबलू सोरेन, राजा टुडू, बाबूलाल टुडू सहित दर्जनों लोगों के हस्ताक्षर हैं। लीजधारक के विरुद्ध शिकायत लेकर पहुंचने वालों में दीप्ति टुडू, सुभाष टुडू, दानियल टुडू, कोबराज टुडू, मांझी टुडू, फुलो टुडू सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे।
वहीं रैयत और ग्रामीणों के समाहरणालय पहुंचने की सूचना पर लीजधारक अफरोज आलम भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने रैयत और ग्रामीणों के द्वारा लगाए गए आरोप के बाबत पूछे जाने पर कहा कि आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और रैयतों के हित में काम करता रहा हूं। ग्रामीणों के द्वारा क्रेशर प्लांट बैठाने की मांग पर अफरोज आलम ने कहा कि क्रेशर प्लांट बैठाने की भी कोशिश कर रहे है।