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पाकुड़-तीन दिवसीय राष्ट्रीय जूट महोत्सव का आयोजन सोमवार को रानी ज्योतिर्मयी स्टेडियम में किया गया। उद्घाटन मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन सत्र में जूट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के सीएमडी अजय कुमार जॉली व फाइनेंस डायरेक्टर अमिताभ सिंहा, जेएसएलपीएस के सीईओ विष्णु चरण परीदा, उपायुक्त वरुण रंजन, पुलिस अधीक्षक हृदिप पी जनार्दन, जिला परिषद अध्यक्ष जूली ख्रिष्टमणि हेंब्रम भी शामिल थे। कार्यक्रम में पाकुड़ और साहिबगंज जिले से सैकड़ों की संख्या में किसान एवं जेएसएलपीएस से जुड़ी दीदियों ने हिस्सा लिया। पूरे कार्यक्रम में जूट उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने पर जोर दिया गया। किसानों को जूट उत्पादन का सही मूल्य देने और उनके उत्पादों को बाजार देने का भी भरोसा दिलाया।
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पाकुड़ और साहिबगंज जिले में हजारों किसान जूट की खेती करते हैं। तकरीबन पांच हजार ऐसे किसानों का सर्वे किया गया है, जो जूट की खेती से जुड़े हुए हैं। दोनों जिला सीमावर्ती पश्चिम बंगाल से सटा हैं। पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों के किसान भी जूट की खेती करते हैं। लेकिन जूट की खेती करने वाले किसानों को उनके मेहनत का सही कीमत नहीं मिल पाता है। इसके पीछे कारण है कि उन्हें जूट बेचने के लिए बाजार नहीं मिलता है। एक तरफ विशेषकर पूरे संथाल परगना में कोई फैक्ट्री नहीं है, दूसरी ओर किसानों को उसके उत्पादन को बेचने के लिए बाजार उपलब्ध नहीं है। इसलिए यहां के किसान ओने पौने दामों में बिचौलियों के हाथों अपना उत्पादन बेचने को मजबूर है। मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पाकुड़ और साहिबगंज जिले में भ्रमण के दौरान किसानों से जानकारी मिली कि स्थानीय तौर पर बाजार नहीं मिलने से बिचौलियों को जूट बेचने को विवश होते हैं। अगर जूट बिक्री के लिए स्थानीय तौर पर बाजार मिल जाए तो किसानों को अच्छा फायदा होगा। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए पाकुड़ उपायुक्त और उप विकास आयुक्त से समीक्षा की गई। दोनों जिला में जूट की खेती करने वाले किसानों का सर्वे किया। तकरीबन पांच हजार किसानों को चिन्हित किया गया। मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जूट किसानों को सही मेहनताना मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की। मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान इस क्षेत्र में जूट मिल की आवश्यकता सामने आई। वहीं जूट उत्पादन की बिक्री के लिए बाजार की जरूरत पर भी विचार किया। मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस पर विचार विमर्श के बाद जूट किसानों को स्वावलंबी बनाने के लिए दोनों जरूरतों को पूरा करने के लिए काम शुरू किया गया। फैक्ट्री और बाजार की व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया एवं जेएसएलपीएस के साथ इकरारनामा भी किया गया। मंत्री ने कहा कि सरकार और हमारे इस प्रयास को हर हाल में मंजिल तक पहुंचाया जाएगा। किसानों के लिए फैक्ट्री खुलेंगे और उत्पादन की बिक्री के लिए बाजार भी मिलेंगे। इससे युवाओं को रोजगार का अवसर भी मिलेगा। कुल मिलाकर किसानों कि आय वृद्धि और जूट उत्पादन व रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। मौके पर अपर समाहर्ता मंजू रानी, अनुमंडल पदाधिकारी हरिवंश पंडित, डीआरडीए निदेशक, जिला योजना पदाधिकारी, कार्यपालक दंडाधिकारी प्रमोद कुमार दास, कार्यपालक दंडाधिकारी आशुतोष कुमार, डीपीआरओ डॉ. चंदन, कांग्रेस प्रदेश महासचिव उदय लखवानी, जिलाध्यक्ष श्रीकुमार सरकार, प्रखंड अध्यक्ष मंसारुल हक, विधायक प्रतिनिधि देबू विश्वास, जिला प्रवक्ता मुख्तार हुसैन, शाहीन परवेज सहित अन्य मौजूद थे।