नाजिर हुसैन@समाचार चक्र
महेशपुर। प्रखंड क्षेत्र के बलियाडंगाल अंतर्गत मादाडंगा गांव के दो टोला राय टोला है। जिसमें लगभग 60 परिवार बसे हुए हैं। जहां उक्त ग्राम विकास की रौशनी से कोसों दूर है। इस गांव में सड़क के निर्माण तथा पेय जल की व्यस्था नहीं होने से लोग परेशान है। कहीं न कहीं विकास के नाम पर यह गांव ठगी का शिकार हुआ है। जनप्रतिनिधि चुनाव समय इस गांव के लिए विकास को लेकर बड़े बड़े वादे किए गए। मगर आज तक सिर्फ जुमले बाजी के सिवा कुछ नहीं मिला है। इस गांव को प्रखंड मुख्यालय तथा स्थानीय बाजार से जोड़ने वाली सड़क कच्ची है। सड़क के पक्कीकरण नहीं होने से ग्रामीणों में नाराजगी है। इस क्षेत्र से राजनीति दल चुनाव के समय अपना काम निकालने के बड़े- बड़े वादे किये जाते हैं, लेकिन अपने किये गये वादे पर खरा नहीं उतरे। जहां सरकार आज चौमुखी विकास की बात करती है। वही इस सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग यातायात समस्या से आज भी जूझ रहे हैं। बताते चलें कि इस सुदूर ग्रामीण में सबसे बड़ी समस्या सड़क होने के कारण प्रखंड मुख्यालय एवं बीमार से पीड़ित रोगी तथा गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाने के लिए चारपाई के सहारे मुख्य सड़क तक ले जाने के लिए लगभग पांच से छः किलोमीटर कच्ची सड़क का सफर तय करना पड़ता है। साथ ही पेय जल को लेकर दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिससे स्थानीय लोगों को तरह तरह के बीमारी से जूझना पड़ता है। वहीं उक्त गांव के निमकी देवी,राशि देवी, सुगिया देवी,बिटिया देवी,रूपा देवी,मोहन प्रसाद राय,कंचन राय,कालेश्वर राय,शिवपूजन राय, रतन राय सहित दर्जनों महिला एवं पुरुषों ने बताया कि पेयजल और सड़क को लेकर सालों से परेशान हैं। उक्त गांव में तीन सरकारी चपानल तथा जल मीनार है। जिसमें से दो चपालन और जलमीनार खराब पड़ा हुआ है। लेवल एक चपानल है जो पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है। जिसका मुख्य कारण है पानी जल स्तर काफी कम है।वहीं गर्मियों के समय में ग्रामीण पथरीली पगडंडियों से चलकर गांव से बाहर जोरिया से लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय कर गंदे पानी से प्यास बुझाते हैं।
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती सड़क को लेकर होती है। बरसात के दिनों में खेतों के बीच से बनी पगडंडी ही गांव से बाहर निकलने का सहारा है। बरसात होने पर यहां की स्थिति यह होती है कि ग्रामीण पैदल भी चलना मुश्किल हो जाता है। स्थिति यह है कि गांव के लोग बाइक लेकर भी बरसात में इस पगडंडी से बाहर नहीं निकल सकते हैं। विषम परिस्थितियों में एंबुलेंस व अन्य चारपहिया वाहनों के गांव में आने की कल्पना भी यहां नहीं की जाती है।
क्या कहते हैं ग्राम प्रधान
ग्राम प्रधान शिवपूजन राय ने बताया कि किसी की तबियत खराब हो जाने पर मरीज को कंधों में उठाकर बाहर लाया जाता है और इसके बाद वाहनों की मदद मिलती है। बरसात में स्थिति यह होती है कि कुछ लोगों के पास बाइक है, तो उसे गांव के बाहर दूसरे गांव में रखना पड़ता है। गांव की पगडंडी को सड़क में तब्दील करने भी ग्रामीण लंबे समय से मांग कर रहे हैं। लेकिन गांव में पेयजल व सड़क के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।
क्या कहते हैं बीडीओ
बीडीओ सिद्धार्थ शंकर यादव ने बताया कि उक्त गांव के ग्रामीणों की पेय जल समस्या की इस गंभीर समस्या को यथा शीघ्र दूर किया जाएगा। वहीं प्रखंड अध्यक्ष अनारुद्दीन मियां जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि उक्त गांव के ग्रामीण जूझ रहे सड़क समस्या को लेकर गंभीरता से लिया गया है। जिसका निर्माण कार्य को लेकर स्वीकृति जारी किया जा चुका है। बहुत जल्द गुमामोड़- महेशपुर मुख्य सड़क स्थित पत्थरभंगा से मादाडंगा होते हुए डुमरघाटी- तालवा मुख्य सड़क को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।