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प्रधानमंत्री मोदीजी ने आदिवासी समाज का बढ़ाया मान सम्मान और स्वाभिमान- डॉ मिसफिका हसन

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Gunjan Saha
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समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़। भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ मिसफिका हसन ने प्रखंड अंतर्गत आदिवासी बहुल शहरकोल पंचायत में जनसंपर्क अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने जनजातियों के लिए मोदी सरकार के पिछले 10 साल की उपलब्धियों को गिनाया। पिछले दशक की तुलना उससे पहले के दशक से करते हुए जनजातीय विकास की तुलनात्मक रूपरेखा का विवरण तथ्य और आंकड़े के साथ रखा। उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय का बजट पिछले 10 वर्षों में तीन गुना बढ़कर 12,461 करोड़ रुपये हो गया।जबकि अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) निधि आवंटन में 5.5 गुना की वृद्धि हुई और इस अवधि में यह 1.17 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। डॉ मिसफीका हसन ने कहा कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) योजना का बजट आवंटन पिछले 10 वर्षों में 21 गुना उछाल के साथ 5,943 करोड़ रुपए हो गया। वहीं साल 2013-14 में 34,365 छात्रों की तुलना में 2023-24 तक 402 कार्यरत स्कूलों में 1,32,275 से अधिक आदिवासी छात्र नामांकित थे। अगले 3 वर्षों में 40,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, जिनमें से 10,000 की भर्ती पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 30 लाख से अधिक आदिवासी छात्रों को हर साल मंत्रालय के तहत विभिन्न छात्रवृत्तियां मिलती हैं और पिछले 10 वर्षों में मंत्रालय के तहत 18,000 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गई है। डॉ मिसफीका हसन ने कहा कि 3958 वन धन विकास केंद्र स्वीकृत किए गए हैं।जिससे 11.83 लाख आदिवासी उद्यमियों को लाभ होगा। इसके अलावा, 87 लघु वन उत्पादों को न्यूनतम उचित मूल्य (एमएफपी) में शामिल किया गया है। वहीं वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत कुल भूमि कवरेज 2023-24 तक तीन गुना बढ़कर 181 लाख एकड़ हो गई है, जबकि 2013-14 में यह 55 लाख एकड़ थी। पीवीटीजी आबादी वाले राज्यों को पिछले 10 वर्षों में, 5000 से अधिक बहु-विषयक आदिवासी विकास योजनाओं के तहत 25,000 करोड़ रुपए से अधिक आवंटित किये गए। पीएम आदर्श ग्राम योजना के तहत 14,000 से अधिक स्वीकृत ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए 2216 करोड़ रुपये से अधिक पिछले 3 वर्षों में जारी किए गए हैं। पिछले दशक में स्वच्छ भारत मिशन के तहत आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 148 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए और 2.55 लाख आंगनबाड़ी स्थापित की गईं।पिछले 10 वर्षों में जनजातीय स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्रों में काम करने वाली 200 से अधिक गैर सरकारी संगठनों को 250 से अधिक कल्याणकारी योजनाओं के तहत 900 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए। डॉ मिसफीका हसन ने यह भी कहा कि पीएम-जनमन मिशन के शुभारंभ के पहले 75 दिनों में 120 आदिवासी बहुल जिलों में 9000 से अधिक शिविर आयोजित किए गए। विभिन्न योजनाओं के तहत 13 लाख से अधिक लोगों ने नामांकन कराया। सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत 1 करोड़ से अधिक आदिवासियों की जांच की गई। अगले तीन वर्षों में इस बीमारी की अधिकता वाले क्षेत्रों में 7 करोड़ आदिवासियों की जांच का लक्ष्य रखा गया है।

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