Homeपाकुड़आदिवासियों की जमीन हड़प रहे बंग्लादेशी घुसपैठिए, भगाना जरुरी- चंपई सोरेन
Maqsood Alam
(News Head)

आदिवासियों की जमीन हड़प रहे बंग्लादेशी घुसपैठिए, भगाना जरुरी- चंपई सोरेन

समाचार चक्र की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें
Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़। हिरणपुर प्रखंड के डांगापाड़ा में सोमवार को आयोजित मांझी परगना महासम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि संथाल परगना में बंगलादेशी घुसपैठियों के कारण क्षेत्र की सामाजिक समरसता बिगड़ रही है। इसलिए इन्हें भगाना आवश्यक है। बांग्लादेशियो का बंग्लादेश में व झारखंड में अलग-अलग आई कार्ड है, जो काफी गम्भीर विषय है। इसकी जांच होना आवश्यक है। पूर्व मुख्यमंन्त्री ने कहा कि बंगलादेशी घुसपैठिए आदिवासी समाज की परम्परागत संस्कृति व अस्मिता को नष्ट करने में तुला हुआ है। मांझी परगना को आगे आकर आदिवासी संस्कृति को बचाना होगा। वीर शहीद सिदो कान्हू, चांद भैरव व फूलों झानू ने अंगेजो के विरुद्ध लंबी लड़ाई लड़ी। हमारे पूर्वजों ने इस मिट्टी को लेकर कुर्बानी दी। जल, जंगल, जमीन की रक्षा की। इसको बचाये रखने की जिम्मेवारी हम सभी का है। पाकुड़ जिले में आदिवासियों की संख्या निरन्तर घट रही है। जो काफी सोचनीय विषय है। इस धरती के मालिक आप है। इसकी सम्मान व रक्षा को लेकर आपसबो को आगे आना होगा। इसके लिए आदिवासी मूलवासियों को मिलकर जल्द ही जनांदोलन किया जाएगा। अपनी परम्परागत सामाजिक व्यवस्था, संस्कृति को बचाये रखने के लिए मांझी परगना को आगे बढ़कर कार्य करना होगा। वहीं पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि हम जमीन को बचाएंगे, तभी आदिवासियों की अस्मिता बचेगी।गायबथान में एक समुदाय के लोगों के द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार किया गया। पाकुड़ केकेएम कॉलेज में आदिवासी छात्रों पर पुलिस ने बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की। पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झांकने तक नहीं आए।

झारखंड सरकार अभी तक राज्य के युवाओं के लिए स्थानीय नीति क्यो नहीं ला पाई। संथालपरगना कांस्तकारी अधिनियम के साथ सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है। जल, जंगल, जमीन व आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। महासम्मेलन में पूर्व विधायक सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड के वर्तमान सरकार गूंगे बहरे की सरकार है। राज्य के खनिज सम्पदाओं पर लूट मचा रखा है। झारखंडियों का विकास न होकर बाहरी लोगों का विकास हो रहा है।रोजगार को लेकर लोगो को पलायन होना पड़ रहा है। 24 वर्ष हो गया, अलग राज्य हुए। पर अभी तक झारखंडियों का सर्वांगीण विकास नही हो पाया। आदिवासियों की जमीन को कम्पनियों के हाथों बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बंगलादेशी घुसपैठी के कारण समाजिक स्थिति बिगड़ रही है। सरकार के मुखिया कहता है कि केंद्र के पास 136 हजार करोड़ रॉयल्टी की बकाया है तो न्यायालय क्यो नही जाता। सूबे की जनता को बरगलाकर शासन करना चाह रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Recent Comments