रमीज@समाचार चक्र
मुर्शिदाबाद। शमशेरगंज विधायक अमीरुल इस्लाम ने सोमवार को गंगा कटाव एवं बाढ़ पीड़ित इलाकों का दौरा कर प्रभावित ग्रामीणों से मिलकर हाल-चाल जाना। उन्होंने शमशेरगंज के विभिन्न क्षेत्र का दौरा कर लोगों की समस्याओं से अवगत हुए। गंगा कटाव और बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान ग्रामीणों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान विधायक अमीरुल इस्लाम ने क्षेत्र में गंगा कटाव और बाढ़ की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल का लगभग आधा हिस्सा गंगा कटाव और बाढ़ प्रभावित इलाका है। शमशेरगंज ही नहीं मालदा, लालगोला, मानिक चौक सहित कई इलाका बाढ़ की चपेट में आता है। इन इलाकों में गंगा कटाव से भी लोग परेशान होते हैं। अमीरुल इस्लाम ने कहा कि इस भीषण स्थिति से निपटना अकेले राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में एक बिल लाया था। जिसके तहत सर्वदलीय प्रतिनिधि के केंद्र सरकार से मिलकर जरूरी मदद की मांग किया जाना था। लेकिन विधानसभा में सहमति के बावजूद बीजेपी ने कन्नी काट लिया। एक तरफ बड़ी-बड़ी बात करने वाली बीजेपी कहती है कि काम होना चाहिए और दूसरी तरफ रात में मना कर देती है। विधायक अमीरुल इस्लाम ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद गंगा कटाव एवं बाढ़ पीड़ित इलाकों का दौरा किया था। इसके बाद 100 करोड़ का योजना स्वीकृत हुई। लेकिन दुर्भाग्य बस टेंडर खुलने से पहले ही लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी गई। लोकसभा चुनाव के बाद टेंडर खुला और वर्क आर्डर भी हुआ। फिर काम शुरू होने के बाद बरसात का सीजन आ गया। उन्होंने कहा कि फरक्का बराज के अप और डाउन दोनों दिशा में 120 किलोमीटर काम करना था। लेकिन बीजेपी की सरकार ने इसे कम कर दिया। जिस वजह से शमशेरगंज का हिस्सा छूट गया। अमीरुल इस्लाम ने कहा कि फरक्का से शमशेरगंज की दूरी कम है। इसलिए जब-जब फरक्का बराज से पानी छोड़ी जाती है, तब दूरी कम होने से पानी का धक्का सहन नहीं कर पाती है। इसी वजह से कटाव में तेजी आ जाती है। विधायक अमीरुल इस्लाम ने कहा कि गंगा कटाव के साथ सबसे बड़ी परेशानी यह है कि हर साल जगह चेंज होते रहता है। किसी एक जगह कटाव नहीं होती है। यह हर साल बदलते रहता है। तकरीबन नौ से दस किलोमीटर लंबी गंगा के आसपास विभिन्न जगहों पर कटाव होता है। इसमें निमतिता, चाचोंडो, प्रतापगढ़, बगदाद नगर, धुलियान पौर सभा का कई वार्ड, तीन पाकुड़िया आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि साल 2020 में गंगा कटाव से काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। उस दौरान धर्मस्थल मंदिर, मस्जिद, शमशान, कब्रिस्तान भी गंगा नदी में समा गया था। उन्होंने कहा कि यूपी और बिहार को बचाने के लिए फरक्का बराज से पानी छोड़ दिया जाता है। यह गंगा कटाव और बाढ़ का सबसे बड़ा और मुख्य कारण है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार इसका विरोध भी करती रही है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गंगा कटाव एवं बाढ़ की हालातों को लेकर गंभीर हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जो भी राहत के इंतजाम संभव होंगे, वो किए जाएंगे।