रमीज@समाचार चक्र
मुर्शिदाबाद। मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज इलाके में गंगा कटाव ने विकराल रूप ले लिया है। लोगों को राहत की बजाय, उनकी परेशानी बढ़ती ही जा रही है। शमशेरगंज के उत्तर चाचंडो, सीकदारपुर, शिवपुर एवं लोहरपुर गांवों में भयावह गंगा कटाव के बीच घरों का गिरना जारी है। इधर रविवार की रात करीब 11:00 बजे से शुरू हुए गंगा कटाव में शमशेरगंज इलाके में कम से कम 25 से 30 घर गंगा नदी में समा गया। उत्तर चाचंडो में 15 से 17 तथा लोहरपुर में 12 से 15 घर गंगा नदी में बह गया। इनमें ज्यादातर पक्का मकान शामिल हैं, जिसे गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों ने दिन-रात मेहनत कर खून पसीने से सींचा था। अपने घरों को गंगा में समाते देख पूरा परिवार गम में डूब गए और चीख-पुकार मच गया। इस दौरान ग्रामीणों के सहयोग से सामानों को निकालने का प्रयास किया गया। लेकिन प्रयास असफल रहा। एक भी सामान को बचाया नहीं जा सका। एक-एक ईंट जोड़कर जिसे बड़ी मुश्किल से खड़ा किया था, वो आशियाना पल भर में धाराशाई हो गया। थोड़ी देर पहले तक जिनके पास खून पसीने से सींचा सपनों का आशियाना था, वो अब खत्म हो चुका है। उनके पास ना सर छुपाने को छत है और ना ही पेट की आग बुझाने के लिए कुछ बचा है। अगर कुछ बचा है तो बस यादें और आंखों में बहता आंसू बच गया है। इस भयावह स्थिति में बुजुर्गों, मरीजों और छोटे-छोटे बच्चों की हालत देख किसी के भी आंखें नम हो जाए, जिनके सामने अब भुख मिटाने और दवा जुटाने की चुनौती है। आशियाना उजड़ने के बाद दूसरों के घर पनाह लिए इन परिवारों के पास अब बस रोने बिलखने के अलावा कुछ भी नहीं है। इधर उत्तर चाचंडो के रहने वाले सफी सुल्तान, लोहरपुर के बापन रविदास, बकुल रविदास सहित अन्य लोगों ने बताया कि उत्तर चाचंडो में लगभग 15 तथा लोहरपुर में करीब 12 घर नदी में समा गया है। अभी और भी घरों के गिरने की आशंका है। क्योंकि जो घर गिरे हैं, उससे सटे इलाकों में दरारें पड़ने लगी है। रविवार देर रात करीब 11:00 बजे गंगा कटाव शुरू हुआ। जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गया। लोग इधर-उधर भागने लगे और देखते ही देखते आंखों के सामने घर गिरने लगे। इस दौरान सामानों को बचाने का काफी प्रयास किया गया। लेकिन एक भी सामानों को बचाया नहीं जा सका। उत्तर चाचंडो में गंगा कटाव की स्थिति ज्यादा खराब है। जिस तरह गंगा कटाव हो रहा है, पूरे गांव को चपेट में ले सकता है। यहां से मुख्य सड़क ज्यादा से ज्यादा 200 मीटर ही होगा। अगर गंगा कटाव इसी तरह जारी रहा, तो मुख्य सड़क भी चपेट में आ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यहां के लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि पीड़ित परिवार दूसरों के घरों में पनाह जरुर लिए हुए है, लेकिन उनकी परेशानी खत्म नहीं हुई है। उन परिवारों को किसी सुरक्षित स्थान पर बसाने की जरूरत है। किसी शिक्षण संस्थान या स्कूलों में रहने की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि पीड़ित परिवारों को राहत मिले और वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। प्रशासन को इस पर जल्द पहल करना चाहिए। पीड़ित परिवारों को खाने-पीने के सामान भी देना चाहिए। ग्रामीणों ने बीड़ी कंपनी सहित सामर्थ्य लोगों से पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद के लिए हाथ बढ़ाने की अपील की है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जो भी लोग यहां देखने के लिए आ रहे हैं, वो खाली हाथ ना आएं, बल्कि जितना भी हो सकें, पीड़ित परिवारों को मदद के लिए साथ में कुछ ना कुछ जरूर लाएं। फिलवक्त गंगा कटाव से लोगों में खौफ का माहौल है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।