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Maqsood Alam
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बीड़ी कंपनियों के शोषण का शिकार हो रहे मजदूर, वार्ता के बाद भी नए दर पर नहीं किया जा रहा भुगतान- गांगुली

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़। पाकुड़ और बरहरवा प्रखंड के तकरीबन 50,000 बीड़ी मजदूर बीड़ी कंपनियों के शोषण का शिकार हो रहे हैं। मजदूरों की जिंदगी वैसे भी बीड़ी में सुलग रही है। पेट की आग बुझाने के लिए तरह-तरह के बीमारियों से खतरा मोल ले रहे हैं। दूसरी और बीड़ी कंपनियों के द्वारा आर्थिक रूप से भी शोषण किया जा रहा है। उन्हें उचित मजदूरी नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं वार्ता होने के बावजूद मजदूरों को नई दर पर भुगतान नहीं किया जा रहा है। उक्त आरोप इंटक नेता अर्धेंदु शेखर गांगुली ने बीड़ी कंपनी और बीड़ी मुंशीयों पर लगाया है। उन्होंने कहा कि गत साल 24 दिसंबर 2024 को बीड़ी मालिक एसोसिएशन पाकुड़ के साथ नई दर पर भुगतान को लेकर विशेष बैठक हुई थी। नगर क्षेत्र के बल्लभपुर में स्थित श्याम बीड़ी फैक्ट्री के परिसर में आयोजित बैठक में पाकुड़ और बरहरवा प्रखंड में संचालित करने वाले बीड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। गांगुली ने बताया कि बैठक में पताका बीड़ी, श्याम बीड़ी, शेर बीड़ी, सीजे पटेल एवं एक और बीड़ी कंपनी के प्रतिनिधि मौजूद थे। पाकुड़ और बरहरवा प्रखंड में इन बीड़ी कंपनियों के फैक्ट्री चलाए जा रहे हैं। इन बीडी कंपनियों के अंडर में सैंकड़ों बीड़ी मुंशी ग्रामीण इलाकों में काम करते हैं। इन्हीं बीड़ी मुंशीयों के द्वारा हजारों की संख्या में गरीब परिवार से आने वाले मजदूरों से बीड़ी बनाने का काम लिया जा रहा है। इन बीड़ी मुंशीयों के द्वारा मजदूरों से बीड़ी बनाकर लेने के बाद फैक्ट्री में पहुंचाया जाता है। कंपनियां मुंशीयों के माध्यम से ही मजदूरों को पेमेंट करती हैं। गांगुली ने बताया कि बैठक में कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मजदूरों को नई दर पर भुगतान को लेकर वार्ता हुई। जिसमें मजदूरों को प्रति 1000 बीड़ी बनाने के एवज में 202 रुपए के दर से भुगतान करने पर सहमति बन गई। बैठक में सहमति के बाद भी मजदूरों को नई दर पर भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे दूरभाष पर और काफी सारे मजदूर मेरे आवास पर आकर इसकी जानकारी दे रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि 24 दिसंबर के बाद वार्ता के बावजूद 190 से 199 रुपए प्रति हजार बीड़ी का भुगतान मिल रहा है। इंटक नेता गांगुली ने कहा कि बीड़ी कंपनियों के द्वारा मजदूरों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। मैं इस विषय पर शीघ्र ही उपायुक्त और लेबर कमिश्नर से मिलकर बात रखूंगा। लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराई जाएगी। इंटक नेता गांगुली ने कहा कि कंपनी और बीड़ी मुंशीयों के इस नाइंसाफी के खिलाफ मजदूरों के साथ आंदोलन करेंगे। गांगुली ने आशंका जताया कि मजदूरों को भुगतान भले ही 190 से 199 रुपए प्रति हजार के रूप में किया जा रहा है, लेकिन मजदूरों के खाते में 202 रुपए के दर से लिखा जा रहा है, इस तरह की भी मुझे सूचनाएं मिल रही है। इस संबंध में भी उपायुक्त एवं लेबर कमिश्नर से बात कर जांच कराने की मांग करूंगा।

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