समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। केकेएम कॉलेज के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के हड़ताल के गुरुवार को 68 दिन पूरे हो गए। सातवां वेतनमान की मांग को लेकर दो महीने से भी ज्यादा दिनों से हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को अब तक ना कोई आश्वासन मिला और ना ही किसी ने भी सुधि ली। इधर शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के प्रक्षेत्रीय संयुक्त सचिव केकेएम कॉलेज के प्रधान लिपिक नीरज कुमार ने मामले को लेकर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका एवं अंतर्गत सभी अंगीभूत महाविद्यालयों के कर्मचारी 26 नवंबर 2024 से हड़ताल पर है। आज 68 दिन पूरे हो गए। किंतु गतिरोध अब तक बनी हुई है। उन्होंने महासंघ के महासचिव नेतलाल मिर्धा के हवाले से कहा कि कर्मचारियों ने अपनी मांग को इस प्रमंडल के सभी विधायकों एवं मंत्रियों से संपर्क कर अपनी मांग को पूरा कराने के लिए निवेदन किया। किंतु लगता है उच्च शिक्षा निदेशालय में पदस्थापित उपनिदेशक डॉ अनमोल लाल इन सभी विधायकों एवं मंत्रियों से ऊपर हैं। पिछले दिनों मंत्री संजय यादव ने उच्च शिक्षा निदेशक से हम कर्मचारियों के वेतन निर्धारण हेतू वार्ता की थी। जिसमें निदेशक ने आश्वासन दिया था कि 31 जनवरी तक सभी कर्मचारियों का वेतन निर्धारण को अनुमोदित कर दिया जाएगा। किंतु अब तक लगभग 250 कर्मियों में से मात्र 13 कर्मियों के ही निर्धारण को अनुमोदित किया गया है। डॉ अनमोल लाल वेतन निर्धारण में अड़चन डालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और उच्च शिक्षा निदेशक एवं सचिव को गुमराह भी कर रहे हैं। जिसके कारण हम कर्मचारियों के वेतन निर्धारण को अनुमोदित नहीं किया जा रहा है। प्रधान लिपिक नीरज कुमार के मुताबिक नेतलाल मिर्धा ने कहा है कि जब तक अनमोल लाल वहां पदस्थापित रहेंगे, हम कर्मचारियों का वेतन निर्धारण कभी नहीं होगा। नेतलाल मिर्धा ने विश्वविद्यालय प्रशासन के कार्यकलापों पर भी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रभारी कुलपति अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने हेतू बिना वैधानिक प्रक्रिया पूरा किए परीक्षा एवं लेखा विभाग के सभी कार्य संविदा कर्मचारियों के सहयोग से मनमाने तरीके से संपादित कर रहे हैं। प्रधान लिपिक नीरज कुमार ने यह भी बताया कि महासंघ के प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष परिमल कुंदन ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। कहा है कि इस विश्वविद्यालय एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। किसी तरह वे अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। कर्मचारियों की इस दशा के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय एवं विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेवार है। किंतु पीड़ित कर्मचारी हो रहे हैं। नीरज कुमार के मुताबिक परिमल कुंदन ने अपना दुख और आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा है कि जिस क्षेत्र से इस राज्य के मुख्यमंत्री सहित 4 मंत्री एवं 13 विधायक सरकार में हैं और उनके ही क्षेत्र के एक मात्र विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की ऐसी दुर्दशा हो रही हो, तो यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। मंत्री संजय यादव को छोड़ किसी ने भी हमारी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया। मंत्री संजय यादव जी का हम हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। महासचिव नेतलाल मिर्धा ने समाचार पत्र के माध्यम से इस क्षेत्र के सभी विधायकों एवं मंत्रियों से अनुरोध किया है कि हम कर्मचारियों के समस्याओं पर सहानुभूति रखते हुए उचित निर्देश देने की कृपा करें। ताकि 68 दिनों से चल रहे गतिरोध को समाप्त किया जा सके और यथा शीघ्र हम कर्मचारियों के वेतन निर्धारण को उच्च शिक्षा निदेशालय से अनुमोदित किया जा सके।