समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़ -इस साल 2025 में सड़क हादसों ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। लगातार सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ रहा है। जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह से लेकर अब तक कई दर्दनाक सड़क हादसे हुए हैं। जिसमें दर्जन भर लोगों की जान चली गई। इसके साथ ही दर्जनों लोग घायल हुए। जिले के महेशपुर थाना के इलाकों में विशेष कर जिस तरीके से लगातार दुर्घटनाओं की खबरें आ रही है, कहीं ना कहीं यह कहना गलत नहीं होगा कि सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम भी काम नहीं आ रहा है। लोग सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम से सीख नहीं ले रहे हैं और ना ही सड़क दुर्घटनाओं से सबक ले रहे हैं। अमड़ापाड़ा, हिरणपुर, पाकुड़िया, लिट्टीपाड़ा और पाकुड़ प्रखंड में भी हर रोज सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। जिसमें या तो लोग जान गंवा रहे हैं या फिर घायल हो रहे हैं। लगातार सड़क दुर्घटनाओं ने प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है।
महेशपुर थाना क्षेत्र में सड़क हादसों का कहर, एक माह में दर्जनभर लोगों की मौत
महेशपुर थाना क्षेत्र की बात करें तो जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह से अब तक दर्जन भर लोग सड़क हादसे में जान गंवा चुके हैं। महेशपुर में 29 जनवरी को नारायणगढ़ स्थित पगला नदी पुल के पास साइकिल से नहाने जा रहे 25 साल के साइमन टुडू नामक युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इस दिन साइमन टुडू को बालू लदा एक ट्रैक्टर ने चपेट में ले लिया था। जिससे नारायणगढ़ के रहने वाले युवक साइमन टुडू की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद 4 फरवरी को बरमसिया गांव के पास बड़ा हादसा हो गया। जिसमें टाटा मैजिक एवं बाइक के आमने-सामने टक्कर में तीन युवाओं की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना में सीलमपुर गांव के सजीर शेख, सद्दाम शेख और अजीम शेख की जान चली गई। पांच फरवरी को रात्रि में शहरी गांव के रहने वाले मनोज राय नामक व्यक्ति की अज्ञात वाहन के धक्के से मौत हो गई। यह घटना महेशपुर-गुम्मामोड़ मुख्य सड़क पर डिग्री कॉलेज के पास घटी थी।
महेशपुर-पाकुड़िया मुख्य सड़क पर भीषण हादसा, तीन युवकों की मौत
इसके बाद 6 फरवरी को महेशपुर-पाकुड़िया मुख्य सड़क पर बड़कियारी गांव के पास स्कूटी और यात्री बस आमने-सामने टकरा गई। इस घटना में दो युवक आनंद हेंब्रम एवं प्रदीप मरांडी, गंभीर रूप से घायल हो गए। पश्चिम बंगाल के अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा था। अस्पताल में ही इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। इस घटना में बाइक सवार युवक विमल हेंब्रम की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी।
महेशपुर-सोनारपाड़ा सड़क पर टोटो पलटी, दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल
इधर महेशपुर-सोनारपाड़ा मुख्य सड़क पर जीन पेट्रोल पंप के पास गत बुधवार को एक टोटो अनियंत्रित होकर पलट गई। जिसमें दो महिला गंभीर रूप से जख्मी हो गई। इनमें पाकुड़िया थाना क्षेत्र के सरसाबांध गांव की रहने वाली 35 साल की सलोनी मुर्मू और 42 साल की खैरून बेवा शामिल थी। दोनों महिला को महेशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए भेजा गया। हालांकि दोनों महिला का इलाज कर उन्हें घर भेज दिया गया और उनकी हालत में सुधार की खबरें आ रही है।
महेशपुर-पाकुड़िया सड़क पर भीषण हादसा, दो युवकों की मौत, एक गंभीर घायल
इधर गत रविवार को भी बड़ा घटना हो गया। इसमें महेशपुर-पाकुड़िया मुख्य सड़क पर हाथीमारा गांव के पास रविवार देर शाम एक बाइक और ट्रैक्टर आमने-सामने टकरा गई। जिसमें बाइक सवार तीन युवकों में से दो युवकों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। एक युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। जिसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महेशपुर भेजा गया। इधर जानकारी मिली कि युवक को बेहतर इलाज के लिए बंगाल रेफर कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक तीनों युवक एक ही बाइक में सवार होकर बड़कियारी गांव की ओर जा रहा था। इसी दौरान विपरीत दिशा से तेज रफ्तार से आ रही बालू लदा ट्रैक्टर से आमने-सामने भिड़ंत हो गई।
हिरणपुर में सड़क हादसा, बाइक दुर्घटना में तीन लोग घायल
इधर हिरणपुर में सोमवार को भी एक सड़क हादसे का मामला सामने आया है। जिसमें वीरग्राम के पास बाइक दुर्घटना में साहिबगंज जिले के तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के रहने वाले तीन लोग घायल हो गए। इन घायलों में सलवानी निवासी 29 वर्षीय कालीचरण कर्मकार, 23 वर्षीय संजय कर्मकार और 27 वर्षीय लखींद्र कर्मकार शामिल है। पुलिस ने तीनों को इलाज के लिए हिरणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। इसके बाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
प्रशासन के प्रयासों के बावजूद तेज रफ्तार और लापरवाही बनी जानलेवा
इसी तरह हाल के दिनों में अमड़ापाड़ा, पाकुड़, लिट्टीपाड़ा और पाकुड़िया में भी सड़क दुर्घटनाओं की खबरें लगातार आती रही है। इस तरह लगातार सड़क हादसों ने प्रशासन को भी बेचैनी में डाल दिया है। एक तरफ प्रशासन लगातार सड़क हादसों को रोकने के लिए जिम्मेदारी के साथ योजनाबद्ध तरीके से काम करती नजर आ रही है। दूसरी तरफ लोगों में प्रशासन के प्रयासों का कोई असर फिलहाल पड़ता नहीं दिख रहा है। आश्चार्ज की बात तो यह है कि इसी साल सड़क सुरक्षा माह के तहत पूरे जिले में जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। यह कार्यक्रम इतनी सफलतापूर्वक चलाया गया कि पूरे राज्य में पाकुड़ जिला ने अपनी छाप छोड़ी और इसके लिए अवार्ड भी मिला। इन सब के बीच ना तो वाहनों के रफ्तार कम हो रहे हैं और ना ही वाहन चलाने वाले लोग सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन कर रहे हैं। अक्सर ही लोगों को तेज रफ्तार वाहन चलाते देखे जा सकते हैं। इसमें खास बात यह है कि युवाओं को सबसे ज्यादा तेज रफ्तार से बाइक चलाते देखे जा सकते हैं। यूं कहे कि तेज रफ्तार से बाइक चलाना युवाओं के लिए फैशन बन चुका है और यही फैशन उनके लिए जानलेवा साबित हो रहा है। इसके बावजूद युवा पीढ़ी सबक नहीं ले रहे हैं। वहीं बाइक चलाते समय हेलमेट का भी उपयोग नहीं कर रहे हैं। यह भी सड़क हादसों में मौत का बड़ा कारण नजर आ रहा है। अब तक जितनी भी मौतें हुई है, उनमें ज्यादातर बाइक सवार युवकों को बिना हेलमेट का पाया गया है। दूसरी तरफ ऑटो, टोटो, ट्रैक्टर, ट्रक, डंपर और हाइवा की रफ्तार भी कम नहीं हो रही है। इन वाहनों के चालकों को अपनी जान की परवाह तो है ही नहीं, दूसरों के जान का भी फिक्र नहीं है। इन लोगों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन को और ज्यादा सख्ती से काम करने की जरूरत है।