पाकुड़– जिले के हिरणपुर प्रखंड की छामी किस्कू जिनकी पहचान कभी शराब निर्माता तो कभी हाट-बाजार में हड़िया बेचने वाली के रूप में थी। अब उसकी पहचान अपने गांव के सफल पशुपालक के रूप में बन गया है।
हिरणपुर प्रखंड के मुर्गाडांगा पंचायत अंतर्गत मुर्गाडांगा गांव की छामी किस्कू कभी साधारण गृहणी का जीवन व्यतीत कर रही थीं। परिवार का भरण-पोषण के लिए हड़िया व शराब बनाती और हाट-बाजार में बेचती थी और महिला की तरह छामी झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा संचालित बहा सखी मंडल से जुड़कर बचत करना सीखी तथा सरकार की ओर से झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा चलाई जा रही फूलो झानो आशीर्वाद योजना से जुड़ी।
योजना के तहत उन्हें दस हजार रुपये का ब्याज रहित ऋण मिला। इस ऋण के सहयोग व कुछ कर दिखाने की हिम्मत के साथ छामी किस्कू अपने नए रोजगार के साधन अपनाएं। योजना से जुड़ने के बाद छामी ने हड़िया बनाना छोड़कर अपना बकरी पालन की व्यवसाय शुरू की। इसके साथ ही आजीविका के कई वैकल्पिक साधनों में सब्जी बिक्री के साथ मुर्गीपालन, बतख पालन शुरू किया। पहले छामी किस्कू हडिया-दारु से की गई कमाई ही इनका का रोजगार था।
छामी बताती हैं कि जब वे शराब बनाती थी, तो उनके पति भी उसका सेवन किया करते थे। घर का माहौल खराब होने के साथ-साथ लड़ाई-झगड़ा आम बात हो गया था। अब अपने रोजगार का साधन बदला और अपने और अपने परिवार का सम्मान बढ़ा रही हैं।
क्या कहते है प्रखंड प्रमुख रानी सोरेन
प्रखंड प्रमुख ने कहा की फूलों झानो आशीर्वाद योजना से जुड़कर महिलाएं हड़िया दारू का काम छोड़ कर सम्मान जनक व्यवसाय की और कदम बढ़ा रही है। जिसमे जीविकापार्जन के लिए बकरी पालन महिलाओं के लिए कारगर साबित हो रही है।