समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। आरपीएफ एवं सीआईबी की टीम ने बुधवार को तिलभिठा रेलवे स्टेशन के समीप एक कबाड़ दुकान में छापेमारी की। दुकान से कुछ केबल तार को बरामद किया गया। इस मौके पर कबाड़ दुकानदार मकबूल शेख को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि बाद में उसे बॉन्ड पर छोड़ दिया गया। इस शर्त पर छोड़ा गया कि कभी भी जरूरत पड़ने पर जांच में सहयोग के लिए आना होगा। वहीं बरामद केबल तार को रेलवे के इलेक्ट्रिक, सिग्नल, टेलीकम्युनिकेशन और टीआरडी विभाग को दिखाकर तार का सत्यापन किया गया। हालांकि किसी भी विभाग ने तार की पहचान नहीं की। किसी भी विभाग ने तार को अपने विभाग का नहीं बताया। जिस वजह से सीनियर सेक्शन इंजीनियर के आदेश पर मकबूल शेख को बॉन्ड पर छोड़ दिया गया। आरपीएफ और सीआईबी की टीम ने यह कार्रवाई गुप्त सूचना पर संयुक्त रूप से की। यह छापेमारी बुधवार की सुबह की गई। आरपीएफ की टीम में सब इंस्पेक्टर प्रभाकर कुमार चौधरी और सीआईबी की टीम में एएसआई रैंक के अधिकारी पी नारायण मुख्य रूप से शामिल थे। मिली जानकारी के मुताबिक आरपीएफ और सीआईबी को गुप्त सूचना मिली थी कि तिलभिठा रेलवे स्टेशन के पश्चिम दिशा में एक कबाड़ दुकान चलाया जा रहा है। जहां रेलवे के केबल तार की चोरी कर खपाया जाता है। इसी सूचना पर बुधवार की सुबह आरपीएफ और सीआईबी की टीम में शामिल अधिकारी पुलिस बल के साथ मकबूल शेख के कबाड़ दुकान में रेड मारी। अधिकारियों ने मकबूल के कबाड़ दुकान में बोरियों में भर कर रखा गया रेलवे के केबल तार को बरामद किया। दुकान के सामने रोड किनारे एक खाली जगह पर केबल तार को जलाते हुए भी पाया गया। जहां एक युवक केबल तार को जला रहा था। हालांकि छापेमारी टीम को देखते ही केबल तार को जला रहा युवक वहां से भाग निकला। तार जला रहा युवक कबाड़ दुकानदार मकबूल शेख का स्टाफ बताया जा रहा है। अधिकारियों ने मकबूल को दुकान में ही लंबी पूछताछ की। कबाड़ दुकान के संचालन और केबल तार बरामदगी को लेकर मिनटों पूछताछ की हुई। हालांकि पूछताछ के दौरान मकबूल के जवाबों से अधिकारी शायद संतुष्ट भी नहीं दिखे। अधिकारियों ने कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद मकबूल शेख को हिरासत में ले लिया। इसके बाद मकबूल को सीआईबी के अधिकारी पी नारायण गाड़ी में बैठाकर साथ लेकर चले गए। इससे पूर्व आरपीएफ और सीआईबी की अचानक इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। अचानक रेड करने पहुंचे अधिकारियों को देख कबाड़ दुकानदार मकबूल घबरा गए। मकबूल शेख अपनी तरफ से सफाई देते रहे। बाद में उसे छापेमारी टीम ने हिरासत में ले लिया।
भाई का चेन्नई में एनकाउंटर के बाद से कबाड़ दुकान चला रहा मकबूल
सूत्रों के मुताबिक कबाड़ दुकानदार मकबूल शेख पिछले करीब तीन साल से तिलभिठा गांव में कबाड़ का दुकान चला रहा है। इससे पहले वह ज्यादातर बाहर में ही रहता था। सूत्रों का कहना है कि मकबूल शेख अपने भाई मुर्तुजा शेख के साथ चेन्नई में रहता था। अक्टूबर साल 2021 में चेन्नई की कांचीपुरम पुलिस ने मुर्तजा को मुठभेड़ में मार गिराया था। मुर्तुजा पर महिला से चेन छिनतई का आरोप था। भाई मुर्तुजा के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद मकबूल अपने पैतृक गांव रानीपुर में रहने लगा और उसने तिलभिठा गांव में कबाड़ का दुकान खोल लिया।
आरपीएफ सब इंस्पेक्टर ने कहा
आरपीएफ सब इंस्पेक्टर प्रभाकर कुमार चौधरी ने कहा कि हमें गुप्त सूचना मिली थी कि रेलवे का इधर-उधर बिखरे पड़े केबल तार को कोई काटा है और मकबूल शेख के दुकान में रखा है। इसी सूचना पर आज हमने दुकान में रेड मारी थी। दुकान में बोरियों में भरा जला हुआ तार मिला था। अभी तार के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। अभी मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि तार की पहचान करने के लिए रेलवे विभाग के इलेक्ट्रिक, सिग्नल, टेलीकम्युनिकेशन और टीआरडी विभाग के अधिकारियों से पहचान कराई गई। लेकिन किसी ने भी तार उनके विभाग का नहीं बताया। इसलिए सीनियर सेक्शन इंजीनियर के आदेश पर मकबूल शेख को बॉन्ड पर सामान के साथ छोड़ दिया गया है। उन्हें इस बॉन्ड पर छोड़ा गया है कि जब भी जरुरत पड़ेगा, उन्हें रेलवे के अधिकारियों के सामने हाजिर होना होगा।
