समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़–स्वयं सेवी संस्था फेस द्वारा साहिबगंज जिला के कोटलपोखर स्थित राजबाड़ी में राष्ट्रीय महिला दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
उक्त संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि स्वयं सेवी संस्था फेस के अध्यक्ष शारिक हयात खान, सचिव रितु पांडे, समाजसेवी रतन कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह, डॉक्टर शोभेन्दु विकास मंडल आदि मौजूद थे।
संगोष्ठी कार्यक्रम में फेस संस्था से जुड़ी लगभग पचास से अधिक शिक्षिकाओं को क्षमता वर्धन एवं महिला सशक्तिकरण की अवधारणा पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया। संगोष्ठी के माध्यम से जागरूकता, कार्यकुशलता, बेहतर नियंत्रण के लिए प्रयास के द्वारा व्यक्ति या महिला अपने विषय पर निर्णय लेने में समर्थ एवं स्वतंत्र हो सके बताए गए।
फेस के अध्यक्ष शारिक हयात खान ने कहा कि महिलाओं को संविधान में कई अधिकार दिए गए हैं। आज महिलाएं इस विकासशील भारत को विकसित बनाने के लिए अपना योगदान देती है परंतु फिर भी उन्हें कई बार अलग-अलग रूपों में प्रताड़ित किया जाता है तथा उनके अधिकारों का हनन किया जाता है।आज हर साल किसी भी परीक्षा में महिलाएं समान रूप से शामिल होती हैं तथा कई बार पुरुषों से अधिक अंक भी लातीं हैं। परंतु कहीं ना कहीं यह भी सच है कि पैतृक सत्ता समाज होने के कारण पुरुषों को ही मान सम्मान दिया जाता है।
वहीं कार्यशाला में रतन कुमार सिंह ने कहा कि हमेशा से फेस संस्था महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना की महिलाएं किसी पर निर्भर ना बने, आत्म निर्णय लेना, महिलाएं अपने निर्णय के किये किसी पर निर्भर ना हो। नारी सशक्तिकरण नारी को समाज में सामान की भागीदारी के लिए मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा नारी सशक्तिकरण महिलाओं को पुरुषों के समान समझा जाए एवं महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित ना रह जाए इसलिए महिला सशक्तिकरण होना आवश्यक है।
संस्था की सचिव रितु पांडेय ने फेस द्वारा किये जा रहे कार्यो को विस्तार से बताया।
इधर संस्था से जुड़ी महिलाओं ने भी पुरजोर तरीके से अपनी बातों को रखी। महिलाओं ने कहा फेस से जुड़कर हमलोगों की जिंदगी बदल रही है। संस्था द्वारा सभी शिक्षिका को एक एक बैग दिए गए। संगोष्ठी में परियोजना समन्वयक महबूब आलम, शहादत हुसैन, रफीकुल, अशोक मंडल, अजीजुर रहमान, वहीदा, सुल्ताना परवीन, आयशा, अमन्ना, अजनारा, चुमकी, लक्ष्मी प्रिया एवं मानसी सहित काफी संख्या में महिला शिक्षिका मौजूद थी।