अबुल काशिम@समाचार चक्र
पाकुड़। एक बार गैर कानूनी धंधे की कमाई का नशा चढ़ जाए, तो उसे छोड़ना आसान नहीं होता। यह एक ऐसा नशा है जो जल्दी उतरता ही नहीं है। इसके लिए चाहे जेल भी क्यों ना जाना पड़े। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कांकड़बोना गांव के रहने वाले युवक हाजीबुल शेख के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। बता दें कि हाजीबुल शेख साल 2019 में भी मादक पदार्थ के साथ पकड़ा गया था। इस आरोप में 25 दिसंबर 2019 को उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कांड संख्या 145/19 दर्ज हुआ था। इस मामले में हाजीबुल को जेल जाना पड़ा था। अदालत ने भी उसे दोषी करार दिया था। इसके बाद भी वह धंधे को छोड़ नहीं पाया। उसने फिर से ड्रग्स का धंधा चलाना शुरु कर दिया। जिसकी लगातार पुलिस को शिकायत मिल रही थी। पुलिस की उस पर पैनी नजर थी। इधर बुधवार को भी पुलिस को किसी ने गुप्त सूचना दी कि हाजीबुल गांव में ही ड्रग्स लेकर घूम-घूमकर बेच रहा है। एसडीपीओ डीएन आजाद को जैसे ही यह सूचना मिली, थाना प्रभारी संजीव कुमार झा के नेतृत्व में टीम गठन किया गया। इस टीम में दंडाधिकारी के रूप में पाकुड़ बीडीओ समीर अल्फ्रेड मुर्मू को रखा गया। पुलिस की टीम सूचना के मुताबिक कांकड़बोना गांव पहुंची और प्रोफेशनल तरीके से ड्रग्स के साथ रंगे हाथों हाजीबुल को दबोच लिया। उसके पास से 22 ग्राम ब्राउन शुगर बरामद किया गया। इसके अलावा पुलिस को 6740 रुपए नगद और मोबाइल भी मिला। जिसे विधिवत जब्त करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने थाना लाकर जरूरी पूछताछ भी की। इसके बाद नियम अनुसार कागजी कार्रवाई पूरी कर जेल भेज दिया गया।
ड्रग्स के धंधे से अर्जित की अकूत संपत्ति

सूत्रों की माने तो हाजीबुल शेख करीब आठ-दस साल से धंधे को चल रहा था। इसके जरिए उसने अकूत संपत्ति अर्जित की है। एक-एक रुपए के लिए तरसने वाला हाजीबुल आज लाखों की संपत्ति का मालिक बन चुका है। सूत्रों का दावा है कि हाजीबुल को पैसों की इतनी गर्मी है कि बात-बात पर किसी की भी लाखों में कीमत लगा बैठता है। किसी के साथ दो टूक बात क्या हो गई, कि पैसों के बंडल का बात करने लगता। इस गैर कानूनी धंधे के जरिए घर-बार और लाखों की जमीन खरीद ली।
धंधे को फैलाने के लिए युवाओं को बनाता रहा निशाना
अपने गैर कानूनी धंधे से लाखों की संपत्ति अर्जित करने वाले हाजीबुल के निशाने पर ज्यादातर युवा वर्ग ही रहा है। वह युवाओं को ड्रग्स के नशे के जाल में फंसा कर अपने मकसद को पूरा करता। पहले तो युवाओं को फ्री में ही ड्रग्स की लत लगा देता और फिर उससे मनमाने कीमत पर ड्रग्स बेचता। सूत्रों के मुताबिक हाजीबुल के ड्रग्स के इस धंधे के चलते गांव के कई युवाओं का भविष्य बर्बाद हो चुका है। पूरे गांव में युवाओं को बहला-फुसला कर अपनी बातों में फंसा कर ड्रग्स की लत पकड़ा देता और आदत लगने के बाद युवाओं को लूटने का काम करता।
आस-पास के गांव में भी सक्रिय हैं हाजीबुल का सिंडिकेट
सूत्रों का दावा है कि हाजीबुल ड्रग्स के इस धंधे को चलाने के लिए अपना सिंडिकेट रखा है। जिसके जरिए सिर्फ कांकड़बोना ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों में भी धंधे को फैला रखा है। कांकड़बोना के आस-पास देवतल्ला, झिकरहटी, कदमसार आदि गांव में भी ड्रग्स का धंधा सिंडिकेट के जरिए चलाता है।