समाचार चक्र संवाददाता
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पाकुड़। पाकुड़ में विशेष प्रमंडल (स्पेशल डिविजन) की योजनाओं में ठेकेदार की मनमानी हावी है। इनके लिए प्राक्कलन महज एक कागज का टुकरा बनकर रह गया है। इसका जीता-जागता उदाहरण मनिकापाड़ा के नया आमतल्ला और केकलामारी गांव में बन रहा गार्डवाल सह पुलिया सह पीसीसी सड़क की योजना है। जिसमें घोर अनियमितताएं बरती जा रही है। विशेष प्रमंडल से नया आमतल्ला गांव में गार्डवाल, पुलिया और पीसीसी सड़क के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। हालांकि इसका काम लगभग पूरा हो चुका है। जिसमें प्राक्कलन की खुले तौर पर अनदेखी की बातें कही जा रही है। यहां के स्थानीय दर्जनों लोगों ने नाम प्रकाशित नहीं करने के शर्त पर बताया कि जिस जगह पर गार्डवाल बनाया गया है, वहां कुछ हिस्सा पूर्व में ही मनरेगा से गार्डवाल बना हुआ था। जिसे तोड़ा भी नहीं गया और उसी पर जोड़ाई करते हुए नया गार्डवाल बना दिया गया। गार्डवाल निर्माण में जगह-जगह कोटिंग लाल एवं गोल बोल्डर का भी इस्तेमाल किया गया है। इतना ही नहीं, जोड़ाई में स्टोन डस्ट का भी भरपूर इस्तेमाल हुआ है। अंदर से भी गार्डवाल खोखला है और गलन के नाम पर कहीं-कहीं मसाला भरा तो गया है, पर अधिकांश हिस्सों में गलन भरा ही नहीं गया है। जबकि गार्डवाल का नींव भी कमजोर है। नीचे किसी भी तरह की ढलाई नहीं कर कीचड़ में ही डस्ट डालकर और बोल्डर फेंक फेंक कर जोड़ाई शुरू कर दिया गया था। इसी जगह पुलिया निर्माण में भी गुणवत्ता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया। यहां पीसीसी सड़क निर्माण में भी प्राक्कलन की अनदेखी की गई है। इसमें अधिकांश हिस्सों में छह इंच की जगह तीन से चार इंच ढलाई किया गया है। यहां पहले से पीसीसी सड़क बना हुआ था। हालांकि पूर्व में बनी पीसीसी जगह-जगह टुट चुकी थी। इसी का फायदा उठाते हुए जैसे-तैसे तीन से चार इंच ढलाई कर निपटा दिया गया। उधर केकलामारी गांव में गार्डवाल का निर्माण शुरू ही हुआ है और अभी से गड़बड़ियां भी शुरू हो चुका है। इसमें भी डस्ट के उपयोग की बातें कही जा रही है। इधर कनीय अभियंता सुरज कुमार ने कहा कि मैं अभी बाहर हूं, वापस लौटकर देखूंगा। मैं जब तक था, तब तक ठीक-ठाक था। इधर ग्रामीणों ने पूरे निर्माण कार्य की जांच कर कार्रवाई करने और गुणवत्ता में सुधार होने तक भुगतान पर रोक लगाने की मांग की है। इधर सूत्रों का कहना है कि विशेष प्रमंडल में पीसी पगड़ी का खेल काफी ऊंचाई पर पहुंच गया है। यह भी योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी का होना अहम वजह हो सकती है। इस विभाग में अभियंताओं का लंबे समय से जमे रहना चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी विभाग में अकाउंटेंट के भी सालों से जमे रहने की चर्चा हो रही है। उपायुक्त को इन विषयों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
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