अबुल काशिम@समाचार चक्र
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पाकुड़। सदर प्रखंड अंतर्गत काशिला में नवनिर्मित कोल्ड स्टोरेज में रखा हजारों क्विंटल आलू सड़ गए हैं। यह ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा बताया जा रहा है। यह स्थिति कोल्ड स्टोरेज में उचित रखरखाव की कमी और तापमान के सही नियंत्रण नहीं होने की वजहों से भी हो सकती है। इससे किसानों को भारी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि ठेकेदार का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू किसानों के कम और अधिकतर व्यापारियों के हैं। उनका यह भी कहना है कि बिजली आपूर्ति की समस्या की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। इधर नवनिर्मित कोल्ड स्टोरेज में पहले ही बार रखा फसल नष्ट होने से किसानों का भरोसा भी टूटने लगा है। इस क्षेत्र के किसान कोल्ड स्टोरेज के निर्माण को लेकर काफी उत्साहित थे। उन्हें लगा था कि अब उनके फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्हें अधिक मुनाफा कमाने का अवसर भी मिल सकता है। लेकिन ठेकेदार की लापरवाही से कोल्ड स्टोरेज के प्रति किसानों का भरोसा टूटने लगा है। यह अलग बात है कि पहली बार कोल्ड स्टोरेज में फसल रखने की जब शुरुआत हुई, तब इस क्षेत्र के किसानों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। लेकिन भविष्य में किसान इस क्षेत्र में पहले बार बने कोल्ड स्टोरेज को लेकर उत्साहित थे। अक्सर बिचौलियों के हाथों अपनी फसल को बेचने को मजबूर किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज भरोसा का केंद्र बन चुका था। लेकिन ठेकेदार ने पहले ही बार में किसानों के भरोसे को तोड़ दिया। कोल्ड स्टोरेज में बोरियों में भर भर कर रखे तकरीबन 01 हजार क्विंटल आलू सड़कर बर्बाद हो चुके है। ये अब किसी भी तरीके से इस्तेमाल के लायक ही नहीं बचा है। आलू की बर्बादी की तस्वीर का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बोरियों में भर भर कर रखे आलू अंकुरित हो चुके हैं। आलू से पौधे के रूप में निकल कर बोरियों से बाहर आ चुका है। अधिकतर आलू सड़कर दुर्गंध फैला रही है। इसमें ठेकेदार की लापरवाही देखिए कि इन सड़े हुए आलू को महिनों से कोल्ड स्टोरेज में ही छोड़ दिया गया है। जिससे पूरा कोल्ड स्टोरेज में दुर्गंध फैल रहा है। आलू की बर्बादी में ठेकेदार की भूमिका को इसलिए भी बल मिल रहा है कि बिजली आपूर्ति बंद हो जाने की स्थिति में जनरेटर या डीजी का इस्तेमाल कर सकते थे। लेकिन कहीं ना कहीं जरूरत के मुताबिक जनरेटर या डीजी से काम नहीं लिया गया। इसी का नतीजा है कि सारे आलू सड़कर बर्बाद हो गए। इधर ठेकेदार की लापरवाही से कोल्ड स्टोरेज में फसल की बर्बादी से आसपास के किसानों और स्थानीय लोगों में भी नाराजगी देखी जा सकती है। कोल्ड स्टोरेज में मौजूद ठेकेदार के स्टाफ कृष्णकांत एवं जोसेफ ने बताया कि बिजली की आपूर्ति ठीक से नहीं होती है। दिन में 10 से 12 घंटे तक बिजली गायब रहती थी। डीजी चलाकर बिजली की कमी को दूर किया जाता रहा। इसके बावजूद यह हालत हो गई। फिलहाल सारे आलू को ऊपर से लाकर नीचे रखा गया है।
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ठेकेदार ने कहा
इधर ठेकेदार इफ्तेखार आलम का कहना है कि पिछले दिनों तकरीबन 15 दिनों तक बिजली की आपूर्ति बेहद खराब थी। जिस वजह से आलू को नुकसान पहुंचा है। उनका कहना है कि जिन लोगों ने कोल्ड स्टोरेज में आलू रखा था, उनमें अधिकतर व्यापारी शामिल है। इनमें किसानों की संख्या कम है।
पूर्व मंत्री ने किसानों को दिया था तोहफा
पूर्व मंत्री आलमगीर आलम ने किसानों को तोहफे के रूप में इस क्षेत्र में पहली बार कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करवाया था। आलमगीर आलम ने 14 जून 2021 को 5000 मेट्रिक टन क्षमता वाले इस कोल्ड स्टोरेज का आधारशिला रखा था। जिससे किसानों में काफी उम्मीदें जगी थी। लेकिन ठेकेदार की लापरवाही ने पूर्व मंत्री के उद्देश्यों और किसानों के भरोसे को तोड़कर रख दिया।
विधायक निसात आलम ने की थी कोल्ड स्टोरेज का शुभारंभ
पाकुड़ विधानसभा की विधायक निसात आलम ने कोल्ड स्टोरेज का शुभारंभ किया था। उन्होंने 18 दिसंबर 2024 को कोल्ड स्टोरेज का उद्घाटन किया था।
जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा
जिला सहकारिता पदाधिकारी चंद्रजीत खलखो का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज का एग्रीमेंट झारखंड स्टेट आदिवासी कोऑपरेटिव वेजिटेबल मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के साथ है। किसानों को क्षतिपूर्ति या मुआवजा या अन्य कार्रवाई फेडरेशन ही कर सकती है। कहा कि हमारे विभाग का काम सिर्फ मॉनिटरिंग करना था। आलू के सड़ जाने की खबर के बाद इफ्तेखार आलम से मेरी बात हुई। उनसे फेडरेशन से बात करने के लिए कहा है।




