समाचार चक्र संवाददाता
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पाकुड़। झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य अब्दुल कलाम रसीदी बुधवार की देर शाम पाकुड़ पहुंचे। उन्होंने सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम के बाद गुरुवार को मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों के साथ एक महत्वपूर्ण कार्यशाला में भाग लिया। जिसमें मुस्लिम समाज से जुड़े इबादतगाहों का वक्फ बोर्ड से रजिस्ट्रेशन के विषय में विस्तार से जानकारी दी। इनमें मस्जिद, मदरसा, कब्रिस्तान, दरगाह आदि शामिल है। इसके रजिस्ट्रेशन के लिए वक्फ बोर्ड एमेंडमेंट एक्ट 2025 में उल्लिखित प्रावधानों का पालन करना जरूरी बताया। ताकि आने वाले दिनों में सरकार के किसी भी कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों को रजिस्ट्रेशन के प्रावधान और नियमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के इबादतगाहों के रजिस्ट्रेशन को लेकर झारखंड के कल्याण मंत्री, झारखंड राज्य के वेलफेयर सेक्रेटरी, वाक्फ बोर्ड के मेंबर के साथ कई अहम निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में डेढ़ सौ ज्यादा प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड है। इसके अलावा और भी जितने इबादतगाह है, उन शेष इबादतगाहों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने कहा कि वक्फ एमेंडमेंट एक्ट 2025 के तहत नोटिफिकेशन के दिए गए निर्धारित तिथि 5 दिसंबर 2025 से पहले जितने भी हमारे इबादतगाह है, बोर्ड में उनका पुनः उम्मीद पोर्टल पर चढ़ाने का निर्णय लिया गया। इसी के तहत राज्य स्तरीय कैंपेन चलाया जा रहा है। जिसमें बोर्ड के मेंबर को विभिन्न जिलों में जाकर वाक्फ रजिस्ट्रेशन के लिए जागरुकता और उसको व्यावहारिकता देने के लिए प्रयास चल रहा है। इस सिलसिले में एक, दो और तीन डेट मुकर्रर किया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे दो और तीन दिसंबर को बोकारो, धनबाद, पाकुड़ और साहिबगंज जिला दिया गया था। लेकिन दो और तीन को बोकारो और धनबाद में ही समय खत्म हो गया। आज 4 तारीख को हम पाकुड़ में है। कहा कि डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर ऑफिसर और जिला प्रशासन के सहयोग से आज कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें वक्फ बोर्ड से जुड़े प्रॉपर्टी के लोगों को शामिल किया गया। इसके अलावा और भी लोग इसमें शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पाकुड़ जिले में मात्र दो ही वक्फ की प्रॉपर्टी है। जिसका रजिस्ट्रेशन है। एक पाकुड़िया जामे मस्जिद और दूसरा महेशपुर का सेनपुर जामे मस्जिद है। शेष जो रजिस्टर्ड नहीं है, उन्हें कहा गया है कि 5 तारीख के बाद जब रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल चालू होगा, तब ऑनलाइन आवेदन कर देना है। जितने भी मस्जिद, मदरसा, दरगाह, कब्रिस्तान आदि ऐसे प्रॉपर्टी जो रजिस्टर्ड नहीं है और वक्फ की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं, उसका रजिस्ट्रेशन के लिए पूरी जानकारी दी गई। कार्यशाला में तय कर लिया गया है कि वक्फ एक्ट का पालन करना हर एक प्रबुद्ध नागरिक की जिम्मेवारी है। जो मुस्लिम धर्मावलंबी है, उनको अपने इबादतगाहों को वक्फ बोर्ड में दर्ज करवाने में जिम्मेवारी निभाना है। आने वाले दिनों में वक्फ बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराने से इबादतगाहों को कानून के नजरिए से सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक्ट में जो प्रावधान है, कार्यशाला में उसका विश्लेषण किया गया है। जमीन से संबंधित कागजात, रेगुलेशन, पैन कार्ड आदि जरुरी चीजों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि पाकुड़ जिले में पाकुड़िया जामे मस्जिद और महेशपुर का सेनपुर जामे मस्जिद वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड है। शेष किसी भी इबादतगाहों का रजिस्ट्रेशन नहीं है। अगर रजिस्ट्रेशन करना हो तो इसके लिए वक्फ बोर्ड एमेंडमेंट एक्ट 2025 के तहत धारा 36 के प्रावधानों को पूरा करना होगा। इसके लिए लिखित फॉर्मेट में आवेदन भरकर ऑनलाइन करना होगा। जिसका एक प्रति वक्फ बोर्ड के पास जाएगा। इसके बाद बोर्ड जिला प्रशासन, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर ऑफिसर की और से रिपोर्ट जाएगा। इसके बाद बोर्ड से रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा।
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