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Maqsood Alam
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पंद्रह साल से कार्यरत छाबड़िया इंजीनियरिंग कंपनी कर्मी की हत्या,आरोपी गिरफ्तार

कंपनी के सिंधीपाड़ा स्थित कार्यालय में हुई हत्या, रसोईया ही निकला हत्यारा

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Gunjan Saha
(Desk Head)

मक़सूद आलम/अबुल काशिम@समाचार चक्र

पाकुड़। पत्थर व्यवसाई नरेश मध्यान्न की छाबड़िया इंजीनियरिंग कंपनी में पंद्रह साल से काम कर रहे कर्मी 51 वर्षीय मोहनदास लालवानी की गुरुवार की रात हत्या हो गई। कंपनी के सिंधीपाड़ा स्थित कार्यालय के डाइनिंग हॉल में लालवानी का खून से लथपथ शव मिला। पुलिस ने छानबीन के बाद कार्यालय में खाना बनाने वाले 50 वर्षीय रसोईया मोती मंडल को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस का दावा है कि मोती मंडल ने खून किया है और उसने अपना जुर्म भी कबूला है। नगर थाना क्षेत्र का सबसे शांत और अनुशासन प्रिय मोहल्ला में शामिल सिंधीपाड़ा में हत्या की इस तरह की यह पहली घटना है। हत्या की इस घटना से सिंधी समाज में गम का माहौल है। सिंधी समाज के अध्यक्ष उदय लखमानी सहित समस्त समाज गम में डूबे हुए हैं।

वहीं उदय लखमानी एवं पूरे समाज ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई को लेकर संतोष व्यक्त करते हुए सराहना की है। उदय लखमानी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई प्रशंसनीय है। पुलिस ने अल्प समय में ही घटना का खुलासा किया है और आरोपी को सबूत के साथ गिरफ्तार कर लिया है।

इधर घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के मुताबिक मृतक मोहनदास लालवानी उत्तर प्रदेश के कानपुर का रहने वाला था। पिछले करीब पंद्रह सालों से पत्थर व्यवसाय नरेश मध्यान की छाबड़िया इंजीनियरिंग कंपनी से बतौर कर्मचारी जुड़े हुए थे। कंपनी के रेलवे साइडिंग में काम करने के बाद सिंधीपाड़ा स्थित कार्यालय में ही रहना और खाना पीना होता था। गुरुवार की रात भी हर रोज की तरह कंपनी के साइड से कार्यालय पहुंचे थे। मृतक लालवानी भोजन के लिए डाइनिंग हॉल में गए। इसके बाद वहां से अपना विश्राम रूम नहीं लौटे। अगले दिन सुबह हत्या के आरोपी रसोईया मोती मंडल ने खुद ही कंपनी को मोहनदास लालवानी की हत्या हो जाने की जानकारी दी। कंपनी के जरिए सिंधी समाज के अध्यक्ष उदय लखमानी एवं अन्य लोगों को जानकारी मिली। उदय लखमानी ने घटना की जानकारी पुलिस को दी।

वहीं सूचना मिलते ही एसडीपीओ अजीत कुमार विमल फौरन घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कार्यालय के अंदर घटनास्थल एवं अन्य स्थानों की भी बारीकी से छानबीन शुरू की। आरोपी मोती मंडल छानबीन के दौरान पुलिस की मदद जरूर कर रहा था, लेकिन वह अपना जुर्म भी छुपाने की हर कोशिश कर रहा था। एसडीपीओ अजीत कुमार विमल को छानबीन के दौरान रसोईया मोती मंडल पर बात-बात में शक गहराने लगा। उन्होंने डाइनिंग हॉल के साथ ही पार्क और रसोईया के कमरे की भी जांच की। इसी दौरान रसोईया मोती मंडल के जुर्म की पोल खुल गई।

आरोपी मोती मंडल के कमरे से खून से सना उसका कपड़ा बरामद हुआ। इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया।एसडीपीओ ने जब मोती मंडल से कड़ाई से पूछताछ शुरू की, तो उसने सारा राज उगल दिया। अपने जुर्म को कबूला और घटना को कैसे अंजाम दिया, इसकी भी जानकारी दी।

पुलिस के मुताबिक मोती मंडल और मोहनदास लालवानी के साथ किसी बात को लेकर बहस छिड़ गई। इसी दौरान उसने लालवानी के सिर पर रॉड से हमला कर दिया। जिससे लालवानी की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी के निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल किए गए लोहे की रॉड को भी बरामद किया है। हालांकि दोनों के बीच किस बात को लेकर बहस हुई और घटना को क्यों अंजाम दिया गया, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस जल्द ही इसका खुलासा करेगी। फिलवक्त आरोपी मोती मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया है। नगर थाना में कागजी कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया गया है।

एसपी ने कहा

पुलिस अधीक्षक हृदिप पी जनार्दन ने कहा कि घटना की सूचना प्राप्त होते ही एसडीपीओ अजीत कुमार विमल के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छानबीन के बाद हत्यारोपी रसोईया मोती मंडल को गिरफ्तार कर लिया है।

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