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Maqsood Alam
(News Head)

आजादी के 75 साल बाद बैस्टमडांगा के ग्रामीणों का साकार होगा सपना, मंत्री ने दी पक्की सड़क की सौगात

3 करोड़ 29 लाख 23,000 रुपए की लागत से 3.150 किमी. पीसीसी सड़क का होगा निर्माण

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Gunjan Saha
(Desk Head)
अबुल काशिम@समाचार चक्र
अबुल काशिम@समाचार चक्र

पाकुड़ आजादी के 75 साल बाद बैस्टमडांगा गांव के ग्रामीणों का सपना साकार होने जा रहा है। जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर बंगाल सीमा से सटे गांव के ग्रामीणों को शहर के लिए आने जाने में कच्चे या जर्जर सड़क से होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।

झारखंड राज्य अलग होने के बाद भी गांव के लोगों को पक्का सड़क नसीब नहीं हुआ। हमेशा से सरकारी और प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेलते रहे। लेकिन शीघ्र ही ग्रामीणों को आवागमन में होने वाली तमाम परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।

मंत्री आलमगीर आलम ने माहे रमजान में ग्रामीणों को पक्की सड़क का तोहफा दिया है। मंत्री के अथक प्रयास से बैस्टमडांगा से देवतल्ला तक 3.150 किलोमीटर पीसीसी सड़क का निर्माण होगा। जिसमें 3 करोड़ 29 लाख 23,000 रुपए खर्च आएंगे। निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। मंत्री आलमगीर आलम ने गत रविवार को पीसीसी सड़क निर्माण कार्य का आधारशिला रखा। उन्होंने गांव पहुंचकर सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। पीसीसी के साथ ही छोटे बड़े दस पुल पुलिया और गार्डवाल का भी निर्माण होगा। ताकि पानी निकासी में बाधा उत्पन्न नहीं हो और मिट्टी कटाव को भी रोका जा सके।

उल्लेखनीय है कि ग्रामीणों ने मंत्री आलमगीर आलम को सड़क की स्थिति से अवगत कराया था। ग्रामीणों की ओर से सड़क के निर्माण की मांग की गई थी। जिसे मंत्री आलमगीर आलम ने गंभीरता से लिया। इसका परिणाम आज साफ दिख रहा है।

इधर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि बैस्टमडांगा के ग्रामीणों के लिए मुख्यालय आने जाने के लिए दो रास्ता है। एक सीतापहाड़ी होते हुए नगरनबी के रास्ते जिला मुख्यालय पहुंच सकते हैं। दूसरी ओर देवतल्ला होते हुए आ सकते हैं। दोनों ही सड़क कच्ची होने की वजह से आवागमन में काफी परेशानी हो रही थी। विशेषकर बरसात के दिनों में पानी भर जाने से सड़क डूब जाता था। जिससे लोगों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता था। ऐसी स्थिति में पश्चिम बंगाल राजग्राम से 25 से 30 किलोमीटर दूरी तय कर जिला मुख्यालय आना पड़ता था। इससे ना सिर्फ समय की बर्बादी होती थी, बल्कि आर्थिक रूप से भी नुकसान हो रहा था।

मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जब मुझे सड़क के बारे में अवगत कराया गया, तो मैं भी आश्चर्यचकित हो गया। मैंने इस सड़क के निर्माण को प्राथमिकता के तौर पर लिया। आज खुशी की बात है कि सड़क का निर्माण कार्य होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार में यातायात सुविधा को बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है। किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए यातायात सुविधा का होना बेहद जरूरी है।

मंत्री ने कहा कि इससे पूर्व मिट्टी मोरम का कार्य कराकर सड़क को मूर्त रूप दिया गया था। इस सड़क की मजबूती के लिए पीसीसी जरूरी था। शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ग्रामीणों की समस्याएं दूर हो जाएगी। इस सड़क के निर्माण में पानी निकासी और सड़क की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा गया है। इसमें दस पुल पुलिया और गार्डवाल का भी निर्माण होगा।

यहां बता दें कि ग्रामीण विकास मंत्री के सुपुत्र एवं कांग्रेस प्रदेश महासचिव तनवीर आलम ने भी इस सड़क के निर्माण के लिए काफी दिलचस्पी दिखाई थी। उन्होंने खुद पैदल चलकर पूरे सड़क का जायजा लिया था। उस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी शफीक आलम एवं अभियंताओं को मिट्टी मोरम सड़क निर्माण का सलाह दिया था। जिसके बाद सड़क को मूर्त रूप मिला था।

कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष की भी रही अहम भूमिका

कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष एवं उदयनारायणपुर मुखिया मंसारुल हक की भी सड़क के निर्माण में सराहनीय भूमिका रही। उनके प्रयास से दर्जनों किसानों ने सड़क निर्माण के लिए जमीन दी। अन्यथा सड़क का निर्माण शुरू नहीं हो पाता। किसानों से मिलकर कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष मंसारुल हक ने सड़क निर्माण के लिए पहल तेज की। किसानों के जमीन दान और कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता।

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