पाकुड़-सदर प्रखंड के मालपहाड़ी पंचायत के पाइकपाड़ा में संचालित चमेली स्वयं सहायता समूह के दुकान की जांच में 4 लाख 52,039 रुपए कीमत के अनाज गबन का मामला सामने आया है।
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा लाभुकों से पूछताछ एवं दुकान में स्टॉक की जांच में यह बातें सामने आई है। उल्लेखनीय है कि दुकान से संबंधित पाईकपाड़ा, बिशनपुर एवं कदमा के लाभुकों ने उपायुक्त से अनाज नहीं देने की शिकायत की थी। अक्टूबर एवं दिसंबर 2022 तथा जनवरी एवं फरवरी 2023 का अनाज नहीं मिलने की लिखित शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी।
उपायुक्त ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को जांच कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया था। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने 13 मार्च को स्थलीय जांच किया। लाभुकों से पूछताछ में शिकायतों को सही पाया।
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा है कि कार्ड धारियों के द्वारा दिए गए आवेदन में लाभुकों का बयान एवं कार्ड में अंकित विवरण की शिकायतों को सही पाया गया है। ई पोस मशीन से पर्ची निकालकर लाभुकों को दे दिया गया। अनाज आने पर वितरण का आश्वासन दिया गया। माह दर माह पर्ची निकाल दिया गया और लाभुकों को पर्ची थमा दिया। लेकिन लाभुकों को खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराया गया।
यह भी पता चला कि जनवरी एवं फरवरी 2023 का अनाज नहीं दिया गया। कई ऐसे लाभुक भी है जिन्हें अक्टूबर एवं दिसंबर 2022 के साथ ही जनवरी एवं फरवरी 2023 का अनाज भी नहीं दिया गया है। जबकि पर्ची निकाला जा चुका है। हालांकि मार्च माह के लिए पर्ची नहीं दिया गया है। वहीं दुकान के निरीक्षण में स्टॉक भी नील पाया गया है। सिर्फ 30 बोरा नमक ही गोदाम में पाया गया है।
रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरू
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के रिपोर्ट पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। उक्त चमेली स्वयं सहायता समूह को स्पष्टीकरण पूछा है। जिसमें प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के रिपोर्ट का हवाला देते हुए 04 लाख 52,039 रुपए कीमत के अनाज का वितरण नहीं करने की बात कही गई है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने कहा है कि जांच रिपोर्ट में कार्ड धारियों द्वारा लगाया गया आरोप सही पाया गया है। कुल 111 लाभुकों के द्वारा अपना बयान दिया गया है।
जांच रिपोर्ट में क्या है
जांच रिपोर्ट के मुताबिक 68.35 क्विंटल अनाज का वितरण नहीं किया गया है। इसमें 54.68 क्विंटल चावल एवं 13.67 क्विंटल गेहूं शामिल है। आहार पोर्टल में अक्टूबर 2022 में एनएफएसए योजना अंतर्गत कुल 63.90 क्विंटल चावल एवं गेहूं तथा पीएमजीकेवाई योजना का 62.30 क्विंटल चावल एवं गेहूं, दिसंबर 2022 में एनएफएसए का 66.50 क्विंल चावल एवं गेहूं तथा पीएमजीकेवाई का 61.24 क्विंटल चावल एवं गेहूं, जनवरी 2023 में एनएफएसए का 65.35 क्विंटल तथा फरवरी का एनएफएसए का 64.20 क्विंटल चावल एवं गेहूं, मार्च 2023 में एनएफएसए का 62.60 क्विंटल चावल एवं गेहूं समूह के द्वारा लिया गया है। मार्च महीने का अनाज का उठाव 23 मार्च को ही किया गया है। लेकिन गोदाम में स्टॉक शुन्य पाया गया है। आहार पोर्टल में भी विवरण शुन्य है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने कहा है कि खाद्यान्न उठाव के बावजूद वितरण क्यों नहीं हुआ। अनाज कहां रखा गया और अनाज का क्या किया गया है।
लाइसेंस रद्द होगा, प्राथमिकी भी संभव
जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस तरह खाद्यान्न का वितरण नहीं कर गबन करना झारखंड लक्षित जन वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2022 के विभिन्न कंडिका में निहित शर्तों का उल्लंघन है। उन्होंने समूह को 3 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण समर्पित करने को कहा है।
वहीं खाद्यान्न वितरण नहीं करने की स्थिति में उठाव किए गए अनाज के बदले 04 लाख 52,039 रुपए की वसूली के लिए संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही है। वहीं वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर करने की कार्रवाई करने की भी बात कही है। अनुज्ञप्ति रद्द की कार्रवाई भी करने की बात कही गई है।
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