समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक राष्ट्रीय मंत्री डॉ मिसफीका हसन ने वक्फ कानून में बदलाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका मानना है कि वक्फ कानून में बदलाव से बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता आएगी। डॉ मिसफीका हसन ने कहा कि संसद में एक नया विधेयक लाया गया है, जो 1995 के वक्फ कानून में बदलाव करेगा। इसका मकसद वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाना और महिलाओं को इन बोर्ड में शामिल करना है। वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच जो भ्रम और डर का माहौल पैदा किया जा रहा है, उसे फैलने से रोका जाना जरूरी है। मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर सरकार की अच्छी मंशा के बारे में बताने की जरूरत है। इस कानून के फायदे गिनाए जाने और उन्हें यह भी बताने और समझाने की कोशिश की जाने की जरूरत है कि यह संशोधन गरीब और पिछड़े मुसलमानों और मुस्लिम औरतों के लिए कितना फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के वंचित और कमजोर वर्गों को विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने के समान अवसर दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं, नया सवेरा योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक समाज का शैक्षिक सशक्तिकरण एवं विभिन्न कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए लाया गया यह विधेयक कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने वाला है। इससे इन संस्थाओं में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी भी सुनिश्चित होगी। डॉ मिसफीका हसन ने कहा कि राज्यों में वक्फ बोर्ड में महिला सदस्य शामिल होंगी। प्रत्येक राज्य बोर्ड में दो और केंद्रीय परिषद में दो महिलाएं होंगी। अभी तक महिलाएं वक्फ बोर्ड और काउंसिल की सदस्य नहीं है। उन्होंने कहा कि संशोधन से आम मुस्लिम, गरीब मुस्लिम महिलाएं, तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के बच्चों को इससे लाभ मिलेगा। डॉ मिसफीका हसन ने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के द्वारा टीम का गठन किया जाएगा। जो देशभर में मुस्लिम समाज के विद्वानों, प्रभावशाली और अहम लोगों के साथ-साथ आम मुसलमानों के साथ भी चर्चा करेंगे। यह टीम जेपीसी के समक्ष जाकर भी बिल का पुरजोर समर्थन करेगी।