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Maqsood Alam
(News Head)

भाजपा नेता बाबूधन मुर्मू ने समाजसेवा की भावना से राजनीति में रखा कदम, गरीबों की मदद बना मकसद

समाजसेवा ही मेरा लक्ष्य, इसी राह पर चलता रहूंगा- बाबूधन मुर्मू

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र कार्यालय

पाकुड़ । आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां राजनीतिक दलों ने शुरू कर दी है। भाजपा भी इसी तैयारी में जुटी है। इस बार के चुनाव में राजमहल संसदीय क्षेत्र राजनीतिक दलों के लिए दिलचस्प रहेगा। मुख्य रूप से भाजपा के लिए यह सीट काफी अहम होगा। भाजपा की खास नजर राजमहल लोकसभा सीट पर होगी। पार्टी ने अभी से कमर कस लिया है। किसी भी सूरत में भाजपा इस सीट से चुनाव जीतना चाहेगी। हालांकि राजमहल सीट से उम्मीदवार का चेहरा भी अहम रोल अदा करेगी। पार्टी सूत्रों की माने तो उम्मीदवारी पर बीजेपी ने मंथन भी शुरू कर दिया है। पुराने चेहरों के साथ नए युवा चेहरे पर भी पार्टी विचार कर रही है। इसमें एक नाम युवा नेता बाबूधन मुर्मू का भी है। जिनकी चर्चा आम चुनाव में राजमहल लोकसभा सीट से भावी प्रत्याशी के रूप में हो रही है। पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष बाबूधन मुर्मू भाजपा के जाने माने नेताओं में है। पार्टी में वे एसटी मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और राजमहल विधानसभा प्रभारी है। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी, पार्टी की जीत एवं अन्य मुद्दों पर समाचार चक्र के एडिटर इन चीफ मक़सूद आलम से उनकी खास बातचीत हुई। श्री मुर्मू ने कहा कि समाजसेवा की भावना से ही राजनीति में आए। गरीबों की सेवा ही उनका मकसद बन गया है। पेश है उनसे हुई बातचीत के खास अंश….

प्रश्न: एक सफल व्यवसाई से राजनीति में कैसे आना हुआ?

जवाब: मेरे पिताजी राकदा मुर्मू पत्थर व्यवसाय से जुड़े रहे हैं। मैं उस समय पढ़ाई कर रहा था। अचानक मुझे पिताजी के साथ व्यवसाय में आना पड़ा। पत्थर खदान और क्रशरों में काम करने वाले मजदूरों से मेरी नजदीकियां बढ़ गई। मजदूरों से काम के दौरान उनके परिवारों की हालतों पर बात होती रहती थी। उनके हालातों से मैं काफी आहत हुआ। मुझे लगा कि जिनके बदौलत मेरा व्यवसाय चल रहा है, मुझे उन लोगों को मदद करना चाहिए। इस तरह मैं उन्हें मदद पहुंचाता रहा। धीरे-धीरे यह मेरी दिनचर्या बन गई। मेरी समाजसेवा में दिलचस्पी बढ़ गई। मजदूरों के घर, मुहल्लों और गांव का दौरा करना, मुझे अच्छा लगने लगा। इसी बीच साल 2010 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा हुई। मुझे लोगों ने चुनाव लड़ने की सलाह दी। मैंने समाज सेवा की भावना से चुनाव लड़ने का फैसला किया। जिसमें जिला परिषद सदस्य के रूप में जीत हासिल हुई। साल 2015 में फिर से मैंने चुनाव जीता और इस बार मुझे जिला परिषद अध्यक्ष के पद पर काबिज होने का सौभाग्य मिला। अध्यक्ष रहते मुझे समाज सेवा और लोगों की मदद करने में और ज्यादा सहूलियत होने लगी। इस तरह राजनीति में मेरा लगाव हो गया।

प्रश्न: भाजपा को ही क्यों चुना?

जवाब: भाजपा पार्टी का सिद्धांत मुझे बहुत पसंद आया। इस पार्टी में सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का सिद्धांत रहा है। पार्टी का सबका साथ सबका विकास का नारा भी है। मुझे लगा कि इसी पार्टी में रहकर मैं हर तबके के लोगों की सेवा कर सकता हूं। मेरा मकसद भी गरीबों का सेवा करना है।

प्रश्न: पार्टी राजमहल सीट से आपको टिकट देती है तो आपका क्या विचार रहेगा?

जवाब: मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं। एक सच्चे सिपाही की तरह काम करता हूं। पार्टी नेतृत्व ने जो भी आदेश दिया, उसका पालन किया। अगर पार्टी मुझे उस लायक समझती है, तो मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी। पार्टी का जो भी आदेश होगा, पालन किया जाएगा।

प्रश्न: अल्पसंख्यक समाज में गठबंधन (कांग्रेस-झामुमो) की पकड़ मानी जाती है। ऐसे में अल्पसंख्यक वोटरों को रिझाने में कितने सफल होंगे?

जवाब: भाजपा विकास पर भरोसा करती है। पार्टी का मुद्दा विकास और सिर्फ विकास रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की तरक्की से हर कोई वाकिफ हैं। अल्पसंख्यकों पर पार्टी को पूरा भरोसा है।

प्रश्न: लगातार क्षेत्र दौरा कर रहे हैं, क्या इसे एक भावी प्रत्याशी के रूप में 2024 की तैयारी माना जाय?

जवाब: पार्टी 2024 की चुनाव की तैयारी में जुटी है। पार्टी के निर्देश अनुसार तमाम संगठन तैयारी कर रही है। मैं भी एक कार्यकर्ता के रूप में लोगों से मिल रहा हूं। आम लोगों में एक उम्मीद भी रहती है। अगर हम उनसे नहीं मिलेंगे, तो वे अपनी समस्याओं को कहां रखेंगे।

प्रश्न: कांग्रेस-झामुमो में गठबंधन के बीच भाजपा कैसे मुकाबला करेगी?

जवाब: लोगों को भाजपा पर यकीन हो चुका है। पार्टी को गठबंधन का कोई असर नहीं पड़ेगा। गठबंधन के दलों को पता है कि वे अकेले चुनाव नहीं जीत सकते। आम जनता ऐसे गठबंधन से खुश नहीं हैं।

प्रश्न: आजसू से गठबंधन का क्या फायदा होगा?

जवाब: आजसू पार्टी भाजपा का सहयोगी हुआ करता है। पिछले विधानसभा चुनाव की छोड़ दें तो अधिकतर मौकों पर साथ रहा है। आने वाले 2024 में आजसू को लेकर पार्टी नेतृत्व ही निर्णय ले सकती है।

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