समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता अमर कुमार बावरी गुरुवार को गोपीनाथपुर गांव पहुंचे। उनके साथ राजमहल विधायक अनंत कुमार ओझा, सारठ के विधायक रणधीर सिंह एवं गोड्डा विधायक अमित मंडल भी शामिल थे। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बावरी ने विधायकों के साथ गोपीनाथपुर गांव का दौरा किया। पार्टी के विधायकों के साथ पैदल चलकर हिंसक झड़प के पीड़ितों से मिले। पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हालचाल जाना। पीड़ित परिवार के लोगों ने नेता प्रतिपक्ष बावरी को आपबीती सुनाई। इस दौरान पीड़ित महिलाओं की आंखों में आंसू छलक पड़े। महिलाओं ने बताया कि बॉर्डर पार से गांव में घुसकर किस तरह उत्पात मचाया। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि उनके घरों को जला दिया गया, तोड़फोड़ किया गया, उपद्रवियों ने बमबाजी की और गोलियां भी चलाई। उपद्रवियों ने गांव में दहशत फैला दिया। अभी भी गांव में दहशत का माहौल है। यहां पुलिस कैंप कर रही है। लेकिन हमें डर है कि पुलिस के जाने के बाद हमारे साथ बहुत गलत होगा। पीड़ित परिवारों ने श्री बावरी और उनकी टीम को उपद्रवियों के द्वारा पहुंचाएं गए नुकसान को बारी-बारी से दिखाया। पीड़ित परिवारों से मिलने के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बावरी ने कहा कि यहां के लोग काफी भयभीत हैं। माहौल ऐसा है कि ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए गांव छोड़ने को भी तैयार है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है यह बंगाल का बॉर्डर नहीं है, बल्कि बांग्लादेश का बॉर्डर है। श्री बावरी ने इस दौरान विरोधी पार्टियों को निशाना बनाया। उन्होंने टीएमसी का नाम लेकर कहा कि जिस तरह बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने संविधान को लूटने का काम किया, उसी तरह झारखंड में घुसकर कोशिश की गई। लेकिन वह याद रखें कि भारतीय जनता पार्टी भी कमजोर नहीं है। उन्होंने कहा कि बंगाल से आकर यह जो कुछ भी किया गया, वह एक ट्रेलर के रूप में दिखाया। नजारा देखकर लगता है इसके बाद भी बड़ा कुछ कर सकता है। नेता प्रतिपक्ष श्री बावरी ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो की तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। इतना कुछ हो गया, इसके बाद भी सरकार चुप बैठी है। यहां के विधायक तो जेल में है, लेकिन नवनिर्वाचित सांसद या कोई भी मंत्री ने मुंह तक नहीं खोला। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में गौ हत्या पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद धर्म के नाम पर बकरीद के नाम पर गोवंश की हत्या की गई। कांग्रेस और झामुमो की सरकार बताएं कि झारखंड में गोवंश की हत्या को प्रतिबंध मानते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि गोपीनाथपुर के ग्रामीणों की सुरक्षा का दृष्टिकोण से पुलिस कैंप लगना चाहिए। मैं मीडिया के माध्यम से सरकार से कैंप लगाने की मांग करता हूं। इस मामले में जो भी दोषी है, प्रशासन और सरकार नियम संगत कार्रवाई करें। पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा मिले। अंत में उन्होंने कहा कि यहां के पूरे मामले की जानकारी सरकार को देंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। मौके पर जिला उपाध्यक्ष हिसाबी राय, वरिष्ठ नेता अनुग्रहित प्रसाद साह, पूर्व जिलाध्यक्ष विवेकानंद तिवारी, दुर्गा मरांडी, पंकज साह, मीरा प्रवीण सिंह, बबलू भगत, बलराम दूबे, पवन भगत, अनिकेत गोस्वामी आदि मौजूद थे।