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Maqsood Alam
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आदिवासी की घटती आबादी और लूटती जमीन के मुद्दों पर राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा ने निकाली जनाक्रोश रैली

आदिवासी की रक्षा भाजपा ही कर सकती हैं, कोई दूसरा नहीं- बाबूलाल मरांडी

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को आदिवासी की घटती आबादी और लूटती जमीन के मुद्दों पर शुक्रवार को सरकार के खिलाफ जनाक्रोश रैली निकाली। लड्डू बाबू आम बगान से निकली रैली मुख्य कार्यक्रम स्थल रानी ज्योतिर्मयी स्टेडियम में आकर सभा में तब्दील हो गया। जिसमें मुख्य रूप से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने शिरकत किया। पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन व बेनी प्रसाद गुप्ता, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष बाबूधन मुर्मू, दूर्गा मरांडी, दानियल किस्कू, जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय सहित कई दिग्गजों ने भी मंच साझा किया। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंच के सामने सैंकड़ों की संख्या में मौजूद आदिवासी समाज के लोगों को संबोधित करते हुए बीजेपी को आदिवासियों का हितैषी बताया। आदिवासियों की घटती आबादी और लूटती जमीन पर चिंता जताई। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस प्रकार से संथाल परगना और पूरे झारखंड प्रदेश में आदिवासियों की आबादी लगातार घट रही है, चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि संथाल परगना में तो अलार्मिंग सिचुएशन है। देश में 1951 में जब जनगणना हुआ, आदिवासियों की आबादी 44 प्रतिशत थी। आज संथाल परगना में मात्र 28 प्रतिशत की आबादी रह गई है। अगर यही रफ्तार कम होने का रहा तो एक दिन ऐसा भी आएगा कि संथाल परगना में आदिवासी नहीं रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि संथाल पहाड़िया ही नहीं रह जाएंगे, जिसके नाम से यह संथाल परगना बना है। आखिर कारण क्या है, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार से हम यही मांग करते हैं और सरकार चिंता नहीं करती। हाई कोर्ट में भी केस चल रहा है। भारत सरकार ने भी इस बात को माना है कि संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी कम हुई। इस धरती पर जानवर भी कम होते हैं तो देश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक चिंतित होते हैं, उस पर शोध होता है। यहां तो इतनी बड़ी मानव जाति कम हो रहे हैं, खत्म हो रहे हैं। जहां 1951 में 44 प्रतिशत थे, आज मात्र 28 प्रतिशत बचे हैं। यानी 16 प्रतिशत की गिरावट हुई है। उन्होंने कहा कि यह इलाका बंगाल और बांग्लादेश से सटा हुआ है। इस क्षेत्र में बांग्लादेश की बड़ी तादाद में घुसपैठ हुआ है। लेकिन इस प्रदेश की सरकार उसको मानने को तैयार नहीं है। हमने कहा कि जांच होना चाहिए और जांच होगी तो पता चलेगा, जो बाहर से बांग्लादेश से आकर के घुसपैठ किया है, फिर उनको यहां से बाहर करना पड़ेगा। आज राज्य के अंदर में क्या स्थिति है। आदिवासियों के साथ राजनीति करते हैं। आदिवासियों के नाम पर कांग्रेस और जेएमएम कोई काम नहीं करते। यह लोग अपने परिवार के लिए काम करते हैं, पैसे के लिए काम करते हैं। हम झारखंड राज्य में भी हैं, तो यह कांग्रेस और झामुमो का देन नहीं है।भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि हमारी सरकार केंद्र में बनेगी, तो हम अलग झारखंड राज देंगे। याद करिए 1998 और 99 में देश में बाजपेई जी के नेतृत्व में सरकार बनी, तो 15 नवंबर 2000 को अलग झारखंड राज्य बना। भारतीय जनता पार्टी जो कहती है, वह करती है। आदिवासियों के हितों के लिए कांग्रेस ने क्यों काम नहीं किया। वर्षों तक झारखंड को उन्होंने अलग क्यों नहीं किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को इस देश के राष्ट्रपति बनाया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी आदिवासी है। उड़ीसा के भी मुख्यमंत्री आदिवासी संथाल है। यह अगर काम करके किसी ने दिखाया है, तो इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है। बीजेपी की सरकार ने किया है और वहां कोई जोड़-तोड़ की सरकार नहीं है। उड़ीसा में भी बहुमत है, छत्तीसगढ़ में भी बहुमत है।अगर आदिवासियों के बारे में कोई विचार करती है, विकास के बारे में सोचती है, तो बीजेपी सोचती है। दूसरा कोई पार्टी, दूसरा कोई नेता नहीं सोचती। अब याद करिए गांव तक सड़क नहीं होता था। आदिवासियों के गांव में आज अगर आने जाने की सुविधा उपलब्ध कराई तो बीजेपी के सरकार लेकर आई है।आदिवासियों के घरों तक बिजली भी नहीं हुआ करता था, वहां तक भी अगर किसी ने कोई पहुंचाया, तो बीजेपी की सरकार ने पहुंचाया।

नहीं तो लोगों को कहां पता था कि बिजली भी कैसी होती है। इसलिए हम कह रहे हैं कि देश के आदिवासियों के विकास के लिए कोई पार्टी सोचती है तो बीजेपी सोचती है। उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आ गया तो एक हजार रुपए देने लगे। अगर आप भी आदिवासियों के हितैषी है तो दो साल पांच साल से क्यों नहीं किया। आपने तो 2019 में कहा था कि हमारी सरकार बनेगी तो गरीबों के खाते में 72,000 भेजेंगे। पांच साल हो गए, आपने कितने लोगों के घरों में 72,000 साल में भेजे। अगर नहीं भेजे तो आपने घोषणा क्यों किया था। कैसे लोग विश्वास करें कि चुनाव के बाद भी आप देंगे। यह आप सोचते हो कि चुनाव में वोट लेने के लिए एक 1000 तक थमा दो और नवंबर में चुनाव होगा, दिसंबर से गोल। बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इन लोगों की आदत यही है। ये लोगों को झूठ बोलते है। कांग्रेस पार्टी ने ऐसा हिमाचल में किया। कांग्रेस पार्टी ने ऐसी कर्नाटक में भी किया है। कांग्रेस पार्टी ने ऐसी तेलंगाना में भी किया है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन 2019 से लेकर जब से सरकार बनी तब से तो ठगते आए हैं। जब चुनाव आया तो थोड़ा सा लॉलीपॉप थमा दिया। इसलिए हमने कहा कि झारखंड के आदिवासियों के लिए अगर कोई चिंता करेगी तो बीजेपी चिंता करेगी और हम आप सबको विश्वास दिलाते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो 1000 से भी अच्छी योजना लेकर आएगी और जो योजना हम लेकर आएंगे वह एक-एक जनता को उपलब्ध कराएगी। हम आप सब से कहने के लिए आए हैं बीजेपी की सरकार बनेगी तो यहां की रैयतों के नाम से खदानों का लीज बनाकर कर दी जाएगी। पूंजी नहीं होगा तो सरकार पूंजी उपलब्ध कराएगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है बिना गारंटी के 20 लाख तक का लोन भी मिल जाएगी। पोकलेन और जेसीबी भी उपलब्ध करा देंगे। ताकि खदान के जो मालिक होंगे, वह पत्थर को भी तोड़ करके निकाल सके। हम चाहते हैं कि यहां के लोग लखपति बने, करोड़पति बने।

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