कृपा सिंधु बच्चन@समाचार चक्र
पाकुड़-पाकुड़ के रग रग से पूर्व परिचित और एक पुलिस अधिकारी होने बाद भी जनता से मिलनसार सम्बंध रखने वाले अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दयानन्द आज़ाद ने शुक्रवार को पुलिस पदाधिकारियों के साथ अपराध गोष्ठी की। तमाम निर्देशों एवं लम्बित मामलों के बाद उन्होंने गोष्ठी में कहा कि पाकुड़ की जनता शुरू से शांतिप्रिय रही है।इसलिए होली के दिन रमजान महीने का शुक्रवार रहने पर भी यहाँ पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा,लेकिन शरारती तत्वों पर पुलिस की कड़ी नज़र रहनी चाहिए।यह बताना लाज़मी है कि पाकुड़ में अगर बाहरी तत्वों की तात्कालिक अशांत शरारतों को छोड़ दें,तो त्यौहारों में भी कभी ये समझ नहीं आता था कि कौन किस मज़हब का है।सभी लोग सम्प्रदाय की सीमा से परे एकसाथ त्यौहार मनाते आये हैं।कुछ राजनीतिक जनित मामलों को नजरअंदाज करें तो यहाँ कभी कोई माहौल साम्प्रदायिक नहीं रहा । प्रशासन भी हमेशा अपने स्तर पर सतर्क रहा है।यह बात और है कि पिछले दिनों कुछ घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में यहाँ की शांतिप्रिय जनता के दिलों को ठेंस पहुँचाने में सफ़ल रहीं लेकिन प्रशासन की सख़्त सक्रियता और सामाजिक कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप से सबकुछ ठीक हो गया।यहाँ की मूल आम जनता हमेशा से शांतिप्रिय रही है,इससे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी परिचित हैं।इसलिए उन्होंने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में रंगों का त्योहार है। इसे आपसी सामंजस्य के साथ एक दूसरे की भावनाओं का आदर करते हुए मनाइये,और अपने पाकुड़ की समृद्ध परम्परा को आगे बढ़ाते हुए,पूरे देश के लिए वैसे ही अनुकरणीय बनाइये ,जैसे शदियों से रहा है।उन्होंने जनता से अपनी स्वाभाविक शायराना अंदाज में कहा कि -रमजान और जुम्मे की “जमाल”में,
इबादत की छाँव में खूब मनाइये होली ।उन्होंने कहा कि ज़माल मतलब रोशनी में तमाम इलाकों पर पुलिस की पैनी नज़र रहेगी।त्यौहारों में भावनाओं का आदर त्यौहार को और खूबसूरत बना देता है,और पाकुड़ हमेशा इस खूबसूरती का उदाहरण रहा है।