समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़ -जिले के हिरणपुर प्रखंड के डांगापाड़ा फुटबॉल मैदान में सोमवार को मांझी परगना वैसी महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, बोरियो के विधायक लोबिन हेंब्रम, जामा विधायक सीता सोरन, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सह भाजपा नेता बाबुधन मुर्मू, प्रोफेसर निर्मल मुर्मू आदि मौजूद थे। कार्यक्रम में विभिन्न गांव से आये मांझी, पारानीक, जोगमांझी, जोगपरानिक आदि मौजूद रहें। कार्यक्रम में भारी वर्षा के बावजूद हज़ारों आदिवासी मूलवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि पाकुड़ में ऐसे-ऐसे लोग मौजूद है। जिनके पास बांग्लादेश एवं झारखंड दोनों जगहों के वोटर आईडी कार्ड मौजूद है। घुसपैठियों के द्वारा हमारे गांव जमीन पर कब्ज़ा कर लिया गया है। आने वाले दिन आदिवासियों के जिन गांव एवं जमीनों को छीना गया है। उसे वापस आदिवासियों को दिलाने का काम करेंगे। वहीं यह भी कहा कि अगर हमारी समाज की युवती किसी अन्य समाज की युवक से शादी करते है, तो उन्हें पैतृक संपत्ति से कोई अधिकार नहीं रहेगा। यह आने वाले समय में हम करने जा रहे है। आगे उन्होंने कहा कि जब देश अंग्रेजों के अधीन था, उस वक़्त पाकुड़ के मार्टिलो टावर से अंग्रेजों द्वारा छिपकर गोलियां बरसाई जा रही थी। उस वक़्त हमारे पूर्वजों द्वारा उनकी गोलियां झेली गई है। सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलों-झानो द्वारा महिलाओं के इज्जत जल, जंगल, जमीन एवं परंपरा को बचाने के लिए अंगेजों से लोहा लिया था। आज के समय में जल, जंगल, जमीन एवं परंपरा को बचाने के लिए हम सब को सामने आना होगा। लोबिन हेंब्रम, सीता सोरेन, बाबूधन मुर्मू ने भी महासम्मेलन को संबोधित करते हुए आदिवासी समाज की रक्षा पर जोर दिया। आदिवासियों की जमीन हड़पने वालों के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की जरूरत बताया। मौके पर मांझी वैसी परगना के जिला अध्यक्ष निर्मल टुडू, संथाल परगना प्रभारी राजीव हेंब्रम, सुनिराम सोरेन, महेंद्र किस्कू, सत्येंद्र किस्कू आदि मौजूद रहें।