समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। सदर प्रखंड अंतर्गत चेंगाडंगा गांव में गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला बुधवार को खेला गया। फाइनल में अटुल चेंगाडंगा की टीम ने एफसी वेस्ट बंगाल बीरभूम की टीम को 01 गोल से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। फाइनल मैच के मुख्य अतिथि युवा समाजसेवी एवं आजसू नेता अजहर इस्लाम एवं मालपहाड़ी ओपी प्रभारी अंशु उपाध्याय ने विजेता एवं उप विजेता टीम को ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया। फाइनल विजेता टीम को अजहर इस्लाम ने 01 लाख रुपए तथा उप विजेता टीम को 80 हजार रुपए नगद राशि देकर पुरस्कृत किया। वहीं सेमी फाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को 20-20 हजार रुपए सांत्वना पुरस्कार के रूप में दिया गया। इससे पहले युवा समाजसेवी अजहर इस्लाम ने फुटबॉल को किक मारकर फाइनल मैच को शुरू कराया। अजहर इस्लाम ने फाइनल में पहुंचने वाली दोनों टीमों के खिलाड़ियों से बारी-बारी से परिचय प्राप्त किया। अजहर इस्लाम ने खिलाड़ियों को अनुशासन के साथ खेलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि खेल आपस में मित्रता को बढ़ावा देता है। यह एकमात्र जरिया है, जिसमें आमने-सामने दोनों टीम या खिलाड़ी सारे भेदभाव को भूलकर सिर्फ बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करते हैं। परिणाम आने के बाद भी हारने या जीतने वाली टीम या खिलाड़ी एक दूसरे से हाथ मिलाकर मुहब्बत का पैगाम देते हैं। एक दूसरे को बधाई और सांत्वना देते हैं। आगे चलकर मानसिक रूप से मजबूत होकर और भी बेहतर प्रदर्शन का संकल्प लेते हैं। यही खेल का सबसे बड़ा गुण होता हैं। अजहर इस्लाम ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए राज्य सरकार पहल नहीं कर रही है। ग्रामीण इलाकों में ना ही बेहतर खेल मैदान है और ना ही खिलाड़ियों को सरकार की ओर से सुविधा दी जा रही है। अजहर इस्लाम ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बच्चों से लेकर युवाओं तक में प्रतिभाएं कूट-कूट भरी हुई है। लेकिन उन्हें अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि ग्रामीण प्रतिभाएं छिपीं रह जाती है। अजहर इस्लाम ने कहा कि कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में बाधक बन रही है। अगर चुनाव में जनता मुझे अवसर देती है और विधायक बनते हैं तो ग्रामीण खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए जो भी सुविधाएं देने पड़ेंगे, मैं दिलाऊंगा। मौके पर नुरेज्जामान शेख, अरुण चौधरी, अली अकबर, बदरुल शेख, मुखिया हेंब्रम, सिताराम चौड़े, चंदन मुर्मू, राम हेंब्रम, शिवू हेंब्रम, जरमान मरांडी, जॉन मुर्मू, गंगा कर्मकार, ठाकराल हेंब्रम आदि मौजूद थे।