अबुल काशिम@समाचार चक्र
पाकुड़। अनुशासन कठिन जरूर लगता है, पर आदत बन जाए तो सफलता की गारंटी भी देता है। पॉलिटेक्निक कॉलेज (पाकुड़) ने इसे सच साबित कर दिखाया है। पॉलिटेक्निक कॉलेज ने अनुशासन के लिए अपनी एक अलग ही छवि बनाई है। एक कॉलेज जो अनुशासन का मिसाल पेश करता है, छात्रों को नियमों का पालन कराती है, समय का सदुपयोग कराती है और एक-दूसरे के प्रति सम्मान रखने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। कॉलेज के मुख्य दरवाजे से शुरू होकर कक्षा, कार्यशाला, प्रयोगशाला और पुस्तकालय तक अनुशासन मौजूद होता है। एक-एक छात्रों को अनुशासन और आचार संहिता का पालन करना होता है। यूं कहे कि पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज अनुशासन की मिसाल बन चुकी है। यही वजह है कि पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज लगातार सफलता की ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि पॉलिटेक्निक कॉलेज इंजीनियर में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए सफलता की गारंटी बन गई है। प्रत्येक सेशन में सैंकड़ों छात्र-छात्राओं का प्लेसमेंट हो रहा है और देश के प्रसिद्ध कंपनियों में बड़े-बड़े शहरों में जाकर नौकरी कर रहे हैं। जिन्हें लाखों का सालाना पैकेज मिल रहा है। दिलचस्प बात तो यह है कि सेमेस्टर या सेशन खत्म होते भी नहीं कि नौकरी का ऑफर आ जाता है। अनुशासन के साथ-साथ नवाचार और शांत वातावरण भी पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज को दूसरे संस्थानों से अलग बनाती है। नवाचार की बात करें तो किसी भी चीज में नयापन लाना, उसे बेहतर बनाना या किसी मौजूदा चीज को नए तरीके से करना, या किसी नए विचार को लागू करना, किसी प्रक्रिया या उत्पाद में सुधार करना या किसी मौजूदा समस्या का रचनात्मक समाधान ढूंढना पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज की खासियत रही है। यहां के शांत वातावरण का तो कोई जवाब ही नहीं है।

प्लेसमेंट में रिकॉर्ड उपलब्धि, 722 छात्रों को मिल चुकी है नौकरी
पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज ने प्लेसमेंट में भी रिकॉर्ड उपलब्धि हासिल की है। पॉलिटेक्निक कॉलेज में शिक्षा हासिल करने वाले 722 छात्रों को नौकरी मिल चुकी है। पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज का जो लक्ष्य रहा है, वह शिक्षा के साथ-साथ प्लेसमेंट है। यही वजह है कि पॉलिटेक्निक कॉलेज में शिक्षा हासिल करने वाले अलग-अलग डिपार्टमेंट के 722 छात्र-छात्राएं देश के प्रसिद्ध कंपनियों में बेहतर पैकेज के साथ नौकरी कर रहे हैं। इनमें ऐसे भी छात्र हैं, जो गरीब परिवार से जुड़े होते हैं और जिन्होंने बड़ी मुश्किल से यहां तक का सफर हासिल किया है। पॉलिटेक्निक कॉलेज का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों पर विशेष ध्यान रखा जाता है। आर्थिक कमजोरी उनके उज्जवल भविष्य में बाधक नहीं बने, पॉलिटेक्निक कॉलेज इसका पूरा-पूरा ध्यान रखती है।

किस सेशन में कितने छात्रों को मिली नौकरी
पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना के बाद से ही छात्रों के प्लेसमेंट का सिलसिला शुरू हो चुका था। पहले सेशन में ही 2016-19 में 126 छात्रों को नौकरी मिल चुकी थी। इसके बाद साल 2017-20 में 78, साल 2018-21 में 121, साल 2019-22 में 118, साल 2020-23 में 102, साल 2021-24 में 101 और साल 2022-25 में 76 छात्रों को नौकरी मिली है।
निर्देशक, एडमिन हेड व प्रिंसिपल का रहा है विशेष योगदान
पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने में निर्देशक, एडमिन हेड और प्रिंसिपल का विशेष योगदान रहा है। जिनके प्रयासों ने कॉलेज को अलग पहचान दिलाई। जिनके प्रयासों ने छात्रों को बेहतर भविष्य दिया। कॉलेज के तमाम शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी टीम भावना का परिचय दिया और कॉलेज को यहां तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

एडमिन हेड ने कहा
पॉलिटेक्निक कॉलेज के एडमिन हेड निखिल चंद्रा ने कहा कि अनुशासन पर हमारा विशेष रूप से फोकस रहता है। अनुशासन के साथ-साथ बेहतर शिक्षा और प्लेसमेंट ही हमारी प्राथमिकता है।
