समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़ । जिले के हिरणपुर प्रखंड में मनरेगा एवं 15 वें वित्त आयोग की राशि से योजनाओं के क्रियान्वयन में की गई गड़बड़ियों को लेकर थाना में बीडीओ उमेश कुमार स्वांसी ने तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई है।
योजनाओं में दोषी पाए गए कनीय अभियंता, पंचायत सचिव, मुखिया, पूर्व मुखिया सहित बिचौलिया को आरोपी बनाया गया है। प्रखंड के डांगापाड़ा पंचायत में बिरसा राय के जमीन पर मनरेगा के तहत सिंचाई कूप निर्माण योजना में बरती गई अनियमितता को लेकर चार लोगों को आरोपी बनाया गया है।
इनमें कनीय अभियंता प्रेमचंद टुडू, जनसेवक सह प्रभारी पंचायत सचिव रितेश कुमार, पूर्व मुखिया शर्मिला हेंब्रम एवं कोर्नेलियस टुडू शामिल है। इनके विरुद्ध थाना कांड संख्या 47/23 दर्ज किया गया है। मनरेगा के तहत सिंचाई कूप निर्माण में गड़बड़ियों को लेकर 10 जनवरी 2023 को डीडीसी डॉ. शाहिद अख्तर के आदेश पर जांच टीम का गठन किया गया था।
गठित जांच टीम ने गड़बड़ियों को सही पाया। जिसमें उक्त चारों को दोषी पाया गया। इसी तरह थाना कांड संख्या 46/23 में कनीय अभियंता प्रेमचंद टुडू, पंचायत सचिव लोगेन मरांडी एवं मुखिया वकील मरांडी को आरोपी बनाया गया है। इन्हें मंझलाडीह पंचायत के शहरपुर ग्राम में मुख्य सड़क से फतेह हांसदा के घर तक पीसीसी पथ निर्माण योजना में अनियमितता बरतने का दोषी पाया गया है। उक्त योजना के जांच के लिए 8 अप्रैल 2023 को टीम का गठन किया गया था।
वहीं थाना कांड संख्या 45/23 में पंचायत सचिव जमीन मरांडी एवं मुखिया पकू हेंब्रम को आरोपी बनाया गया है। प्रखंड के बड़तल्ला पंचायत में आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण में अनियमितता बरतने का दोषी पाए जाने पर दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मनरेगा के तहत आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत पर डीडीसी के आदेश पर 29 दिसंबर 2022 को जांच टीम का गठन किया गया था। आंगनबाड़ी निर्माण में शिकायतों को टीम ने सही पाया। तीनों पंचायत में योजनाओं में मिली गड़बड़ियों के रिपोर्ट के आधार पर डीडीसी ने बीडीओ उमेश कुमार स्वांसी को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। इधर सरकारी राशि का दुरुपयोग और योजनाओं के क्रियान्वयन में बरती गई अनियमितताओं को लेकर प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।
जिले के अन्य प्रखंडों में भी योजनाओं में गड़बड़ी की आशंका
इधर अमड़ापाड़ा, महेशपुर, पाकुड़िया, लिट्टीपाड़ा और पाकुड़ सदर प्रखंड में भी योजनाओं में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि सिर्फ हिरणपुर में ही नहीं, बल्कि हर प्रखंड में इस तरह की गड़बड़ियां हुई है। अगर इमानदारी से एक एक योजनाओं की जांच कराई जाए, तो सारे पोल खुल जाएंगे। अधिकारियों और कर्मियों ने बिचौलियों के सहारे योजनाओं में गड़बड़ियों को बेखौफ होकर अंजाम दिया है। सिर्फ और सिर्फ पिछले पांच साल के दौरान हुए योजनाओं की ही जांच कराई जाए तो सारे भेद खुल जाएंगे। पूरे जिले में मनरेगा एवं 14 वें या 15 वें वित्त आयोग की राशि से स्वीकृत योजनाओं की जांच होनी चाहिए। ताकि भ्रष्टाचार से पर्दा उठ सके। यह भी बताया जा रहा है कि सफेदपोश सड़क छाप नेताओं ने भी अपना रौब दिखा कर योजनाओं में गड़बड़ियों में साथ दिया है।
पाकुड़ प्रखंड में योजनाओं में गड़बड़ियों की ज्यादा आशंका
सदर प्रखंड में योजनाओं में गड़बड़ियों की ज्यादा आशंका जताई जा रही है। विशेषकर मनरेगा योजनाओं में गड़बड़ी की गई है। मनरेगा के तहत दीदी बाड़ी योजना और वर्मी कंपोस्ट योजना के नाम पर लूट हुई है। नाला गहरीकरण के नाम पर छिलो और गिलो यानी सिर्फ घास छिलकर राशि की लूट हुई है। तालाब और डोभा निर्माण में भी लूट हुई है। पिछले पांच साल के दौरान नशीपुर, मालपहाड़ी, चेंगाडांगा, सितापहाड़ी, नवीनगर, फरसा, हिरानंदनपुर, पोचाथोल, कोलाजोड़ा, सोनाजोड़ी, संग्रामपुर, रानीपुर, कालिदासपुर, गंधाइपुर आदि पंचायतों में मनरेगा एवं 14 वें तथा 15 वें वित्त आयोग की योजनाओं की जांच की मांग उठ रही है।