समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। मंत्री आलमगीर आलम ने विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सदर प्रखंड के अभिभावकों और छात्रों की एक और मांग को पूरा किया है। मंत्री के अथक प्रयास से अपग्रेड हाई स्कूल बेलडांगा व हरिणडंगा हाई स्कूल को प्लस- टू की स्वीकृति मिल गई है। मंत्री परिषद की 29 फरवरी को बैठक में उक्त दोनों हाई स्कूल को प्लस- टू की स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त दोनों स्कूलों के प्लस-टू में अपग्रेड की खबर से अभिभावकों और छात्रों में खुशी का माहौल है। अभिभावकों और छात्रों ने मंत्री आलमगीर आलम का आभार जताया है। इस संबंध में कांग्रेस के जिला प्रवक्ता मुख्तार हुसैन ने बताया कि मंत्री आलमगीर आलम से अभिभावकों और छात्रों ने दोनों हाई स्कूल में प्लस- टू की पढ़ाई के लिए पहल करने का मांग रखा था। अभिभावकों की मांग को मंत्री ने सर आंखों पर लेकर उक्त स्कूलों को प्लस- टू में अपग्रेड के लिए पहल किया। इसके बाद 4 मार्च 2023 को समिति गठित हुई। प्रदेश के अन्य जिलों से भी प्लस- टू की मांग आई थी। गठित समिति ने रिपोर्ट बनाकर मंत्री परिषद को दिया। मंत्री परिषद की बैठक में राज्य के 166 हाई स्कूलों में शामिल बेलडांगा उत्क्रमित उच्च विद्यालय और हरिणडंगा उच्च विद्यालय को भी प्लस- टू में उत्क्रमित करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
इधर जानकारी के अनुसार उक्त दोनों स्कूल में कम से कम चार-चार अतिरिक्त वर्ग कक्ष और बेंच डेस्क आदि की भी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। फिलहाल उक्त दोनों हाई स्कूलों के प्लस- टू में स्वीकृति प्रदान किए जाने से ग्रामीण क्षेत्र में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। विशेष कर छात्राओं में उत्साह का माहौल है। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्र में प्लस- टू स्कूलों के अभाव में अधिकतर लड़कियां उच्च शिक्षा से वंचित हो जाती हैं। मैट्रिक की पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं। ऐसे में बेलडांगा उत्क्रमित उच्च विद्यालय के प्लस-टू में उत्क्रमित किए जाने से आसपास के दर्जन भर गांव के छात्रों को इंटर की पढ़ाई में सहूलियत होगी। इधर शहर स्थित हरिणडंगा हाई स्कूल को प्लस- टू की स्वीकृति मिलने से शहर के अलावा शहर से सटे आसपास के गांवों के छात्रों को भी सहूलियत होगी। इधर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि गठबंधन की सरकार जन-जन के द्वार तक शिक्षा को पहुंचाने के उद्देश्य से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार सतत प्रयत्नशील है। कक्षा 1 से कक्षा 12 तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में राज्य सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान यह बातें लगातार सामने आती रही कि ग्रामीण इलाकों में प्लस- टू की पढ़ाई की सुविधा नहीं होने से विशेष कर लड़कियां बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती है। मैट्रिक के बाद दूर जाकर पढ़ने की मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। अभिभावकों और छात्रों की मांग को देखते हुए प्लस- टू की पढ़ाई के लिए स्वीकृति दिलाने का प्रयास किया गया। मंत्री परिषद की बैठक में दोनों स्कूलों को प्लस- टू में अपग्रेड किया गया है। उक्त दोनों स्कूलों में अतिरिक्त वर्ग कक्ष और बेंच डेस्क आदि की सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा।